ETV Bharat / bharat

चंद्रयान- 2 पर होंगे 13 पेलोड: ISRO

चंद्रयान- 2 पर 13 पेलोड होंगे. इस यान को जुलाई में अंतरिक्ष की सैर के लिए भेजा जाने वाला है. और क्या खासियत है चंद्रयान- 2 में, पढ़ें पूरी खबर.

ISRO अध्यक्ष के. सिवन. (फाइल फोटो)
author img

By

Published : May 15, 2019, 6:23 PM IST

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि जुलाई में भेजे जाने वाले भारत के दूसरे चंद्र अभियान में 13 पेलोड होंगे. साथ ही ISRO ने कहा कि इसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नैशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) का भी एक उपकरण होगा.

ISRO ने साझा की ये जानकारी
ISRO ने चंद्र मिशन के बारे में ताजा जानकारी देते हुए बताया, '13 भारतीय पेलोड (ओर्बिटर पर आठ, लैंडर पर तीन और रोवर पर दो तथा नासा का एक पैसिव एक्सपेरीमेंट (उपरकण) होगा.' हालांकि, ISRO ने NASA के इस उपकरण के उद्देश्य को स्पष्ट नहीं किया है.

इतना होगा यान का वजन
आपको बता दें, इस अंतरिक्ष यान का वजन 3.8 टन है. यान में तीन मोड्यूल (विशिष्ट हिस्से) ऑर्बिटर , लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं.

पहले भी जानकारी साझा कर चुकी है एजेंसी
गौरतलब है कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इस महीने के प्रारंभ में कहा था कि नौ से 16 जुलाई, 2019 के दौरान चंद्रयान- 2 को भेजे जाने के लिए सारे मोड्यूल तैयार किये जा रहे हैं. चंद्रयान - 2 के छह सितंबर को चंद्रमा पर उतरने की संभावना है.

chandrayan-2 etv bharat
चंद्रयान- 2 पर होंगे 13 पेलोड. (सौ. @isro)

पढ़ें: भारतीय सशस्त्र बलों ने बुलस्ट्राइक अभ्यास का प्रदर्शन किया

कैसे करेगा यान काम
जानकारी के लिए बता दें, ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर उसका चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर (विक्रम) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतरेगा और रोवर (प्रज्ञान) अपनी जगह पर प्रयोग करेगा.
ISRO के मुताबिक इस अभियान में GSLV मार्क 3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा. ISRO ने कहा कि रोवर चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा. लैंडर और ऑर्बिटर पर भी वैज्ञानिक प्रयोग के लिए उपकरण लगाए गए हैं.

chandrayan-2 etv bharat
ISRO द्वारा जारी संबंधित सूचना.

'जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां हम पहुंच रहे हैं'
गौरतलब है, ISRO के अध्यक्ष के. सिवन ने जनवरी में कहा था, 'हम (चंद्रमा पर) उस जगह पर उतरने जा रहे हैं, जहां कोई नहीं पहुंचा है. अर्थात चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर... इस क्षेत्र को अब तक खंगाला नहीं गया है.'

क्या है चंद्रयान- 2
आपको बता दें, चंद्रयान- 2 पिछले चंद्रयान- 1 मिशन का उन्नत संस्करण है. चंद्रयान- 1 अभियान करीब 10 साल पहले किया गया था.

बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि जुलाई में भेजे जाने वाले भारत के दूसरे चंद्र अभियान में 13 पेलोड होंगे. साथ ही ISRO ने कहा कि इसमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नैशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) का भी एक उपकरण होगा.

ISRO ने साझा की ये जानकारी
ISRO ने चंद्र मिशन के बारे में ताजा जानकारी देते हुए बताया, '13 भारतीय पेलोड (ओर्बिटर पर आठ, लैंडर पर तीन और रोवर पर दो तथा नासा का एक पैसिव एक्सपेरीमेंट (उपरकण) होगा.' हालांकि, ISRO ने NASA के इस उपकरण के उद्देश्य को स्पष्ट नहीं किया है.

इतना होगा यान का वजन
आपको बता दें, इस अंतरिक्ष यान का वजन 3.8 टन है. यान में तीन मोड्यूल (विशिष्ट हिस्से) ऑर्बिटर , लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं.

पहले भी जानकारी साझा कर चुकी है एजेंसी
गौरतलब है कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इस महीने के प्रारंभ में कहा था कि नौ से 16 जुलाई, 2019 के दौरान चंद्रयान- 2 को भेजे जाने के लिए सारे मोड्यूल तैयार किये जा रहे हैं. चंद्रयान - 2 के छह सितंबर को चंद्रमा पर उतरने की संभावना है.

chandrayan-2 etv bharat
चंद्रयान- 2 पर होंगे 13 पेलोड. (सौ. @isro)

पढ़ें: भारतीय सशस्त्र बलों ने बुलस्ट्राइक अभ्यास का प्रदर्शन किया

कैसे करेगा यान काम
जानकारी के लिए बता दें, ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर उसका चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर (विक्रम) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतरेगा और रोवर (प्रज्ञान) अपनी जगह पर प्रयोग करेगा.
ISRO के मुताबिक इस अभियान में GSLV मार्क 3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा. ISRO ने कहा कि रोवर चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा. लैंडर और ऑर्बिटर पर भी वैज्ञानिक प्रयोग के लिए उपकरण लगाए गए हैं.

chandrayan-2 etv bharat
ISRO द्वारा जारी संबंधित सूचना.

'जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां हम पहुंच रहे हैं'
गौरतलब है, ISRO के अध्यक्ष के. सिवन ने जनवरी में कहा था, 'हम (चंद्रमा पर) उस जगह पर उतरने जा रहे हैं, जहां कोई नहीं पहुंचा है. अर्थात चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर... इस क्षेत्र को अब तक खंगाला नहीं गया है.'

क्या है चंद्रयान- 2
आपको बता दें, चंद्रयान- 2 पिछले चंद्रयान- 1 मिशन का उन्नत संस्करण है. चंद्रयान- 1 अभियान करीब 10 साल पहले किया गया था.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.