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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पढे़ं पूरी खबर...

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भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद.
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Published : Dec 21, 2019, 7:36 PM IST

Updated : Dec 21, 2019, 10:05 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आजाद को दिल्ली पुलिस तीस हजारी कोर्ट से तिहाड़ जेल ले गई है.

गौरतलब है कि चंद्रशेखर को पहले जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक एक विरोध मार्च के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था. बता दें कि दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी.

आजाद के संगठन ने शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने का आह्वान किया था. पुलिस ने बताया कि उन्हें पहले हिरासत में लिया गया था. उन्होंने बताया कि हिंसा के मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों का आंकड़ा अब 16 हो गया है.

राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध- प्रदर्शन और हिंसा के अगले दिन यानी शनिवार को भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को यहां गिरफ्तार कर लिया गया जबकि पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया. इस बीच कई जगहों पर भारी संख्या में लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया.

आजाद को शनिवार को जामा मस्जिद से बाहर आने के बाद गिरफ्तार करने के बाद एक अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आजाद ने शुक्रवार को जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया था.

कब और कहां क्या हुआ दिल्ली में, जानें

दिल्ली गेट के निकट हिंसा के संबंध में गिरफ्तार 15 अन्य लोगों को दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दिल्ली गेट इलाके में शुक्रवार को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने एक कार को आग लगा दी थी और कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया था.

उत्तर-पूर्व दिल्ली के सीमापुरी में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किये गये 11 लोगों को शनिवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी.

वहीं इंडिया गेट पर शनिवार को सैकड़ों छात्रों, पेशेवरों और नागरिक समाज संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने शनिवार को लगातार सातवें दिन विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों ने भी उनका साथ दिया.

इससे पहले दिन में, पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने उत्तर- पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी और सीलमपुर में फ्लैग मार्च किया, जहां हाल ही में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी.

दिल्ली पुलिस ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए एक कार्यक्रम चलाया है जिसके तहत उसके कर्मियों ने सीमापुरी, गीता कॉलोनी, गांधी नगर, जगत पुरी, कृष्णा नगर जैसे कई क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने शनिवार को यहां यूपी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें हटा दिया.

एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मशकूर उस्मानी, सचिव फाहद खान, वसीम खान और जेएनयू के तीन छात्रों को दिल्ली पुलिस ने यूपी भवन से हिरासत में लिया. वसीम खान ने कहा कि उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है.

इस बीच, दिल्ली वक्फ बोर्ड ने शनिवार को ऐलान किया कि वह नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिजन को 5 - 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा.

बोर्ड के अध्यक्ष तथा आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में दावा किया कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के मंगलुरु में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 'पुलिस गोलीबारी' में कई लोगों की मौत हुई है.

'पुलिस को झांसा दे चंद्रशेखर आजाद जामा मस्जिद पहुंचे'
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने की घोषणा करने वाले भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पुलिसकर्मियों को झांसा देकर मस्जिद के अंदर दाखिल हुए थे जबकि पुलिस घंटों हिरासत में लेने के लिए उनकी तलाश करती रही.

आजाद ने बाद में समाचार एजेंसी को बताया था कि उनकी तलाश में खड़े पुलिसकर्मियों से बचने के लिए वह शॉल ओढ़कर मस्जिद में दाखिल हुए.

भीम आर्मी के एक पदाधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज करीब एक बजे शुरू हुई और मार्च में आजाद मौजूद थे. हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तो वह वहां से निकल गए और एक स्थानीय परिवार ने अस्थायी शरण दी.

उन्होंने बताया, 'करीब तीन घंटे तक हमने भी समझा कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया, लेकिन करीब चार बजे वह जामा मस्जिद के भीतर नजर आए और उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए संविधान का प्रस्तावना पढ़ा. यहां तक कि शाही इमाम ने सभी को संबोधित किया और बताया कि आजाद हमारे मेहमान हैं.'

पढ़ें: BJP 3 करोड़ परिवारों को समझाएगी CAA का मतलब

आज आजाद को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया जहां उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई.

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आजाद को दिल्ली पुलिस तीस हजारी कोर्ट से तिहाड़ जेल ले गई है.

गौरतलब है कि चंद्रशेखर को पहले जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक एक विरोध मार्च के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था. बता दें कि दरियागंज में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी.

आजाद के संगठन ने शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने का आह्वान किया था. पुलिस ने बताया कि उन्हें पहले हिरासत में लिया गया था. उन्होंने बताया कि हिंसा के मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों का आंकड़ा अब 16 हो गया है.

राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध- प्रदर्शन और हिंसा के अगले दिन यानी शनिवार को भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को यहां गिरफ्तार कर लिया गया जबकि पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया. इस बीच कई जगहों पर भारी संख्या में लोगों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया.

आजाद को शनिवार को जामा मस्जिद से बाहर आने के बाद गिरफ्तार करने के बाद एक अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आजाद ने शुक्रवार को जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया था.

कब और कहां क्या हुआ दिल्ली में, जानें

दिल्ली गेट के निकट हिंसा के संबंध में गिरफ्तार 15 अन्य लोगों को दो दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दिल्ली गेट इलाके में शुक्रवार को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने एक कार को आग लगा दी थी और कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया था.

उत्तर-पूर्व दिल्ली के सीमापुरी में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार किये गये 11 लोगों को शनिवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी.

वहीं इंडिया गेट पर शनिवार को सैकड़ों छात्रों, पेशेवरों और नागरिक समाज संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन किया.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने शनिवार को लगातार सातवें दिन विश्वविद्यालय परिसर के बाहर प्रदर्शन किया. स्थानीय लोगों ने भी उनका साथ दिया.

इससे पहले दिन में, पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने उत्तर- पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी और सीलमपुर में फ्लैग मार्च किया, जहां हाल ही में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी.

दिल्ली पुलिस ने हिंसा प्रभावित क्षेत्र में लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए एक कार्यक्रम चलाया है जिसके तहत उसके कर्मियों ने सीमापुरी, गीता कॉलोनी, गांधी नगर, जगत पुरी, कृष्णा नगर जैसे कई क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए स्थानीय लोगों को धन्यवाद दिया.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने शनिवार को यहां यूपी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें हटा दिया.

एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मशकूर उस्मानी, सचिव फाहद खान, वसीम खान और जेएनयू के तीन छात्रों को दिल्ली पुलिस ने यूपी भवन से हिरासत में लिया. वसीम खान ने कहा कि उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है.

इस बीच, दिल्ली वक्फ बोर्ड ने शनिवार को ऐलान किया कि वह नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिजन को 5 - 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा.

बोर्ड के अध्यक्ष तथा आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में दावा किया कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के मंगलुरु में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 'पुलिस गोलीबारी' में कई लोगों की मौत हुई है.

'पुलिस को झांसा दे चंद्रशेखर आजाद जामा मस्जिद पहुंचे'
बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च निकालने की घोषणा करने वाले भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पुलिसकर्मियों को झांसा देकर मस्जिद के अंदर दाखिल हुए थे जबकि पुलिस घंटों हिरासत में लेने के लिए उनकी तलाश करती रही.

आजाद ने बाद में समाचार एजेंसी को बताया था कि उनकी तलाश में खड़े पुलिसकर्मियों से बचने के लिए वह शॉल ओढ़कर मस्जिद में दाखिल हुए.

भीम आर्मी के एक पदाधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज करीब एक बजे शुरू हुई और मार्च में आजाद मौजूद थे. हालांकि, जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की तो वह वहां से निकल गए और एक स्थानीय परिवार ने अस्थायी शरण दी.

उन्होंने बताया, 'करीब तीन घंटे तक हमने भी समझा कि उन्हें हिरासत में ले लिया गया, लेकिन करीब चार बजे वह जामा मस्जिद के भीतर नजर आए और उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए संविधान का प्रस्तावना पढ़ा. यहां तक कि शाही इमाम ने सभी को संबोधित किया और बताया कि आजाद हमारे मेहमान हैं.'

पढ़ें: BJP 3 करोड़ परिवारों को समझाएगी CAA का मतलब

आज आजाद को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया जहां उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई.

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Last Updated : Dec 21, 2019, 10:05 PM IST
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