अमरावती: तेलगु देशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे एन लोकेश को आंध्रप्रदेश की पुलिस ने रिहा कर दिया है. नायडू और उनकी पार्टी के अन्य नेता सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए प्रदर्शन करना चाहते थे.
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू को प्रिवेन्टिव कस्टडी में रखा गया था. उनकी गतिविधि की वजह से गुंटुर के पालनाडू में कानून और व्यवस्था को लेकर समस्या आ गई थी. पुलिस ने इस कारण हिरासत में नहीं लिया है कि वह सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं.
विरोध-प्रदर्शन कुछ ग्रामीणों को गांव से निकालने के विरोध में किया जाना था.
पुलिस ने पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के आवास के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया. नायडू ने कहा कि सरकार मानवाधिकारों और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है. उन्होंने सरकार के साथ-साथ पुलिस को भी चेतावनी दी.
उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की राजनीति नहीं खेल सकती है और हमें गिरफ्तार करके विरोध प्रदर्शन करने से नहीं रोक सकती है. उन्होंने कहा कि वे 'चलो आत्माकुर' को जारी रखेंगे.
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के कुछ नेताओं को भी गुंटूर में हिरासत में लिया गया. उक्त नेताओं ने भी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था.
तेदेपा ने घोषणा की थी कि पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ नायडू अपने आवास पर दिनभर का अनशन करेंगे. तेदेपा के अध्यक्ष गुंटूर जिले के पालनाडु क्षेत्र के रहने वाले लोगों के समूह को अटमाकुरू नाम के गांव में ले जाना चाहते थे.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नायडू ने कहा, 'वाईएसआर के लोगों और पुलिस ने जिन ग्रामीणों को गांव से बाहर निकाल दिया था, मैंने उन लोगों को वापस वहां ले जाने की योजना बनाई थी. यह कोई आंदोलन नहीं है, बल्कि हम तो यह बताना चाहते हैं कि हम राजनीतिक पक्षपात के शिकार लोगों के साथ हैं.'
वाईएसआर ने आरोप लगाया कि तेदेपा लोगों को पैसे देकर यह सब करवाना चाहती है. पार्टी ने खुद भी 'चलो अटमाकुरु' का आह्वान किया था लेकिन पुलिस ने दोनों ही पक्षों को इसकी इजाजत नहीं दी और भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी थी.
इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अटमाकुरू और पलनाडु क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.