ETV Bharat / bharat

NEEPCO हादसे में दो शव बरामद, बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण : NDRF अधिकारी - एनडीआरएफ ने शुरू किया बचाव अभियान

कपिली पनबिजली परियोजना में हुए हादसे के 14 दिन बाद एनडीआरएफ ने सोमवार को नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के दो कर्मचारियों के शव बरामद किये. राहत व बचाव कार्य की निगरानी करने वाले एनडीआरएफ आधिकारी ने ईटीवी भारत से बात की. जानें पूरा विवरण...

बचाव अभियान करते एनडीआरएफ के जवान
author img

By

Published : Oct 21, 2019, 9:44 PM IST

नई दिल्ली : कपिली पनबिजली परियोजना में हुए हादसे के बाद सोमवार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने दो कर्मचारियों के शव बरामद किये. दोनों शवों की पहचान क्रमशः नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के मैकेनिकल ऑपरेटर ज्वॉय सिंह टिस्सो और रॉबर्ट बैतिए (Robert Baitye) के रूप में हुई है. अन्य दो कर्मचारियों के लिए सर्च अभियान जारी है. एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा कि यह सर्च अभियान काफी चुनौतीपूर्ण है. कपिली पनबिजली परियोजना असम के डिमा हसाउ जिले में हैं.

एनडीआरएफ के सेकेण्ड इन कमांड आर.एस. गिल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, 'यह बहुत चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान है.'

ईटीवी भारत से बात करते एनडीआरएफ अधिकारी.

बता दें कि एनडीआरएफ पूरे बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए है.

गिल ने कहा कि बचाव अभियान के लिए जेसीबी, पम्प मशीन सहित कई अन्य तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है. हाइड्रो पावर स्टेशन चार मंजिली इमारत है, जिसकी तीन मंजिलें पानी और कीचड़ से भरा हुई थीं.

उन्होंने बताया कि प्लांट के पीछे की तरफ का मलबा साफ करने के लिए दो जेसीबी का उपयोग किया गया. लगभग 60 मजदूर ग्राउंड फ्लोर-एक और दो को साफ करने में लगे हैं. ग्राउंड फ्लोर दो से पानी निकालने के लिए तीन पम्प लगाये गए हैं.

पढ़ें : उमरांग्सू पनबिजली हादसा : दो शव बरामद, दो अन्य की तलाश जारी

गिल ने कहा, 'जब हमने बचाव अभियान शुरू किया तो हमें स्थानीय लोगों के प्रबल विरोध सामना करना पड़ा. लेकिन जिला प्रशासन की मदद से हम बचाव अभियान को शुरू करने में सक्षम हो पाए.'

एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा, 'यह पावर प्लांट था, इसलिए हमें अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता था. चारों तरफ बिजली के तार फैले हुए हैं. पावर प्लांट की तीन मंजिल तक कीचड़, पत्थर और पानी भरा हुआ था. हमारे जवानों को बचाव कार्य करने में अधिकतम सावधानी बरतनी पड़ रही है.'

नई दिल्ली : कपिली पनबिजली परियोजना में हुए हादसे के बाद सोमवार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने दो कर्मचारियों के शव बरामद किये. दोनों शवों की पहचान क्रमशः नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के मैकेनिकल ऑपरेटर ज्वॉय सिंह टिस्सो और रॉबर्ट बैतिए (Robert Baitye) के रूप में हुई है. अन्य दो कर्मचारियों के लिए सर्च अभियान जारी है. एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा कि यह सर्च अभियान काफी चुनौतीपूर्ण है. कपिली पनबिजली परियोजना असम के डिमा हसाउ जिले में हैं.

एनडीआरएफ के सेकेण्ड इन कमांड आर.एस. गिल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, 'यह बहुत चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान है.'

ईटीवी भारत से बात करते एनडीआरएफ अधिकारी.

बता दें कि एनडीआरएफ पूरे बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए है.

गिल ने कहा कि बचाव अभियान के लिए जेसीबी, पम्प मशीन सहित कई अन्य तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है. हाइड्रो पावर स्टेशन चार मंजिली इमारत है, जिसकी तीन मंजिलें पानी और कीचड़ से भरा हुई थीं.

उन्होंने बताया कि प्लांट के पीछे की तरफ का मलबा साफ करने के लिए दो जेसीबी का उपयोग किया गया. लगभग 60 मजदूर ग्राउंड फ्लोर-एक और दो को साफ करने में लगे हैं. ग्राउंड फ्लोर दो से पानी निकालने के लिए तीन पम्प लगाये गए हैं.

पढ़ें : उमरांग्सू पनबिजली हादसा : दो शव बरामद, दो अन्य की तलाश जारी

गिल ने कहा, 'जब हमने बचाव अभियान शुरू किया तो हमें स्थानीय लोगों के प्रबल विरोध सामना करना पड़ा. लेकिन जिला प्रशासन की मदद से हम बचाव अभियान को शुरू करने में सक्षम हो पाए.'

एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा, 'यह पावर प्लांट था, इसलिए हमें अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता था. चारों तरफ बिजली के तार फैले हुए हैं. पावर प्लांट की तीन मंजिल तक कीचड़, पत्थर और पानी भरा हुआ था. हमारे जवानों को बचाव कार्य करने में अधिकतम सावधानी बरतनी पड़ रही है.'

Intro:New Delhi: After almost 14 days of rescue operation, the National Disaster Response Force (NDRF) team on Monday recovered the body of Joy Singh Tisso, a mechanical operator engaged with North Eastern Electric Power Corporation Limited (NEEPCO) from Kopili hydro power station site.


Body:The body was retrieved at around 11:45 a.m. from front stair case, G2 floor of the project site.

"It is a very challenging rescue operation. Ultimately we were able to recover the body of one official missing since Ocotber 7," said RS Gill, second-in-command of NDRF in an exclusive interview to ETV Bharat. Gill had been supervising the entire rescue operation.

Several high tech gadgets including JCB, pump machine among others were pressed into service for the rescue operation. The hydro power station was a four storey building, of which three were inundated by water and muds.

Two JCBs were used to clean the rear side of the plant. Around 60 labourers have been working on the G-1 G-2 floor to clear the debrisfrom inside. Three pumps were used to pumpout water from G-2 floor.

Terming the operation as very risky from the security point of view, Gill said, "When we had initially started our rescue operation we faced local hostile...but district administration as well as the police provided us security and we were able to start the rescue operation," said Gill.



Conclusion:The NDRF officer said that beacue it was a power plant they had to be extra cautious. " There many electric wire around...three sotrey of the power plant were filled with water, stones, muds and our jawans used maximum precautions to carry out the rescue operations," said Gill.

The NDRF team is now carrging out the operation to recover the remaining people.

It was on October 7, four people went missing following a water pipeline burst at NEEPCO's Kopili hydro power station at Dima Hasao district along the Assam-Meghalaya border.

NEEPCO CMD VK Singh has said that acidic water due to the illegal coal minning had around Kopili river has caused the accident.

end.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.