नई दिल्ली : कपिली पनबिजली परियोजना में हुए हादसे के बाद सोमवार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने दो कर्मचारियों के शव बरामद किये. दोनों शवों की पहचान क्रमशः नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NEEPCO) के मैकेनिकल ऑपरेटर ज्वॉय सिंह टिस्सो और रॉबर्ट बैतिए (Robert Baitye) के रूप में हुई है. अन्य दो कर्मचारियों के लिए सर्च अभियान जारी है. एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा कि यह सर्च अभियान काफी चुनौतीपूर्ण है. कपिली पनबिजली परियोजना असम के डिमा हसाउ जिले में हैं.
एनडीआरएफ के सेकेण्ड इन कमांड आर.एस. गिल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, 'यह बहुत चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान है.'
बता दें कि एनडीआरएफ पूरे बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए है.
गिल ने कहा कि बचाव अभियान के लिए जेसीबी, पम्प मशीन सहित कई अन्य तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है. हाइड्रो पावर स्टेशन चार मंजिली इमारत है, जिसकी तीन मंजिलें पानी और कीचड़ से भरा हुई थीं.
उन्होंने बताया कि प्लांट के पीछे की तरफ का मलबा साफ करने के लिए दो जेसीबी का उपयोग किया गया. लगभग 60 मजदूर ग्राउंड फ्लोर-एक और दो को साफ करने में लगे हैं. ग्राउंड फ्लोर दो से पानी निकालने के लिए तीन पम्प लगाये गए हैं.
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गिल ने कहा, 'जब हमने बचाव अभियान शुरू किया तो हमें स्थानीय लोगों के प्रबल विरोध सामना करना पड़ा. लेकिन जिला प्रशासन की मदद से हम बचाव अभियान को शुरू करने में सक्षम हो पाए.'
एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा, 'यह पावर प्लांट था, इसलिए हमें अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता था. चारों तरफ बिजली के तार फैले हुए हैं. पावर प्लांट की तीन मंजिल तक कीचड़, पत्थर और पानी भरा हुआ था. हमारे जवानों को बचाव कार्य करने में अधिकतम सावधानी बरतनी पड़ रही है.'