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भारत में पाक के नए राजदूत के सामने चुनौतियां, जानें एक्सपर्ट की राय

पाकिस्तान ने सोमवार को भारत में राजदूत के रूप में मोइन-उल-हक को नियुक्त किया है. भारत-पाक संबंधों को संभालने के लिए नए राजदूत के सामने कई चुनौतियां हैं. जाने इस पर एक्सपर्ट की राय.

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Published : May 22, 2019, 12:58 PM IST

Updated : May 22, 2019, 1:44 PM IST

प्रोफेसर हर्ष पंत से बातचीत.

नई दिल्ली: 2016 में पठानकोट बेस पर जैश द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय कूटनीतिक भागीदारी बढ़ गई है. पाकिस्तान ने सोमवार को भारत में राजदूत के रूप में मोइन-उल-हक को नियुक्त किया है.

2001 में संसद हमले के बाद पहली बार फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसके चलते दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के दोनों परमाणु दिग्गज युद्ध की कगार पर खड़े हो गए. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक अनुसंधान प्रोफेसर हर्ष पंत से बातचीत की.

पाकिस्तान ने सोमवार को भारत में राजदूत के रूप में मोइन-उल-हक को नियुक्त किया, जिनके सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं. प्रोफेसर हर्ष पंत के अनुसार, 'सबसे पहले, उन्हें नई सरकार के लिए इंतजार करना होगा और यह देखना होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की बातचीत की संभावना है या नहीं. उन्होंने संचार के नए माध्यम स्थापित किए हैं ताकि दोनों देशों के बीच संवाद आगे बढ़ सकें.'

यह पूछे जाने पर कि भारत के लिए पाकिस्तान के नए दूत को कौन सा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए पर प्रोफेसर पंत ने दावा किया, 'पाकिस्तान को यह स्वीकार करना होगा कि वह भारत के साथ हमेशा की तरह व्यापार नहीं करेगा. उन्हें भारत की चिंता का जवाब देने का एक तरीका निकालना होगा. आज पाकिस्तान को एक ऐसे देश के रूप में देखा जा सकता है, जो अत्यधिक तनाव में है. आईएमएफ सौदे पर उन्होंने हस्ताक्षर किए, जिससे काफी विवाद पैदा हुआ. उसके सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं.'

पढे़े: MI-17 मामला : वायुसेना अधिकारी पर चलेगा गैर इरादतन हत्या का मुकदमा

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को न केवल भारत को अपने महत्वपूर्ण पड़ोसी के रूप में, बल्कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भी पहचानना चाहिए जो इसे बड़े पैमाने पर मदद कर सकता है.

मोइन-उल-हक फ्रांस में पाकिस्तान के वर्तमान राजदूत हैं. वह 1987 में पाकिस्तान की विदेश सेवा में शामिल हुए और उन्होंने कनाडा, तुर्की और श्रीलंका में अपनी सेवाएं दीं. अप्रैल में सोहेल महमूद को पाकिस्तान का विदेश सचिव नियुक्त किए जाने के बाद भारत में उच्चायुक्त का पद खाली हो गया.

नई दिल्ली: 2016 में पठानकोट बेस पर जैश द्वारा प्रायोजित आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय कूटनीतिक भागीदारी बढ़ गई है. पाकिस्तान ने सोमवार को भारत में राजदूत के रूप में मोइन-उल-हक को नियुक्त किया है.

2001 में संसद हमले के बाद पहली बार फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसके चलते दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र के दोनों परमाणु दिग्गज युद्ध की कगार पर खड़े हो गए. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक अनुसंधान प्रोफेसर हर्ष पंत से बातचीत की.

पाकिस्तान ने सोमवार को भारत में राजदूत के रूप में मोइन-उल-हक को नियुक्त किया, जिनके सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं. प्रोफेसर हर्ष पंत के अनुसार, 'सबसे पहले, उन्हें नई सरकार के लिए इंतजार करना होगा और यह देखना होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की बातचीत की संभावना है या नहीं. उन्होंने संचार के नए माध्यम स्थापित किए हैं ताकि दोनों देशों के बीच संवाद आगे बढ़ सकें.'

यह पूछे जाने पर कि भारत के लिए पाकिस्तान के नए दूत को कौन सा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए पर प्रोफेसर पंत ने दावा किया, 'पाकिस्तान को यह स्वीकार करना होगा कि वह भारत के साथ हमेशा की तरह व्यापार नहीं करेगा. उन्हें भारत की चिंता का जवाब देने का एक तरीका निकालना होगा. आज पाकिस्तान को एक ऐसे देश के रूप में देखा जा सकता है, जो अत्यधिक तनाव में है. आईएमएफ सौदे पर उन्होंने हस्ताक्षर किए, जिससे काफी विवाद पैदा हुआ. उसके सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं.'

पढे़े: MI-17 मामला : वायुसेना अधिकारी पर चलेगा गैर इरादतन हत्या का मुकदमा

उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को न केवल भारत को अपने महत्वपूर्ण पड़ोसी के रूप में, बल्कि इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भी पहचानना चाहिए जो इसे बड़े पैमाने पर मदद कर सकता है.

मोइन-उल-हक फ्रांस में पाकिस्तान के वर्तमान राजदूत हैं. वह 1987 में पाकिस्तान की विदेश सेवा में शामिल हुए और उन्होंने कनाडा, तुर्की और श्रीलंका में अपनी सेवाएं दीं. अप्रैल में सोहेल महमूद को पाकिस्तान का विदेश सचिव नियुक्त किए जाने के बाद भारत में उच्चायुक्त का पद खाली हो गया.

Intro:The high level diplomatic engagement between India and Pakistan halted after Jaish sponsored terror attack on Pathankot air base in 2016. Things turned worst post Pulwama attack in Feb 2019, as both nuclear giants of the South-East Asian region were on the brink of war for the first time since Parliament attack in 2001.




Body:With Pakistan appointing Moin-Ul-Haq as it's ambassador to India on Monday, a lot of challenges are lying ahead of him. According to Observer Research Foundation's, Director Research Prof Harsh Pant, 'firstly, he will have to wait for the new government to settle in and see whether there is any possibility of dialougue between India and Pakistan. He has establish new channels of communication so dialogues can move forward between both countries.'

When asked what approach should Pakistan's new envoy to India should adopt for engagement, Prof. Pant claimed, 'Pakistan has to recognise that it won't be business as usual with India. They have to figure out a way of answering India's concern. One can look today at Pakistan as a country which is under extreme stress. The IMF deal which they signed has generated a lot of controversy. There is a lot challenges lying ahead of him.'




Conclusion:He even added saying that Pakistan should not only recognise India as their important neighbour but also as a largest economy in the region which can help it in a bigger way.

Moin-Ul-Haq is Pakistan's current ambassador to France. He joined Pakistan's Foreign Service in 1987 and had served in Canada, Turkey and Sri Lanka. The post of High Commissioner to India fell vacant after Sohail Mehmood was appointed as Pakistan's Foreign Secretary in April.
Last Updated : May 22, 2019, 1:44 PM IST
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