कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और विशेष रूप से उत्तरी कोलकाता में 100 वर्ष पुराने लगभग 3000 मकान आज भी मौजूद हैं. हालांकि मरम्मत व रखरखाव के अभाव में अधिकतर मकान जर्जर हालत में पहुंच गए हैं.
मानसून का मौसम शुरू होने के बाद इन मकानों के कुछ हिस्से या तो गिरने लगे हैं या फिर पूरा मकान ही ढहने लगा हैं, जिससे अप्रिय घटना का खतरा बढ़ गया है. इन मकानों की खस्ता हालत देखते हुए और किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए नगर निगम ने इन मकानों को चिह्नित करके इन पर खतरे की नोटिस चस्पा कर दिया है.
वहीं, इन मकानों के निवासी उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. लगभाग एक सदी पुराने इन मकानों से संबंधित मामले, वर्षों से अदालतों में लंबित पड़े हैं. इस कारण मकान मालिक न तो अपने मकानों की मरम्मत करा सकते हैं और न ही उनका नवीनीकरण.
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प्रशासक मंडल के चेयरमैन फिरहाद हकीम ने इस मामले में बताया कि उन्होंने उन मकानों को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया, जो खतरनाक स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम मुद्दों को हल करने की कोशिश करेगा और मालिकों और निवासियों को नोटिस भेजेगा.