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कोरोना वायरस पर राजनीति कर रहीं कुछ राज्य सरकारें : स्वास्थ्य मंत्री

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कुछ राज्य कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में ईमानदार नहीं दिखा रहे हैं. वह कोरोना पर राजनीति खेल रहे हैं और अपने प्रचार में व्यस्त हैं. वह शायद ही लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित नहीं हैं. पढ़ें विस्तार से...

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन
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Published : Jun 6, 2020, 9:04 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कुछ राज्य सरकारें कोविड 19 महामारी पर राजनीति करके अपने प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य सरकार को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ईमानदार होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ राज्य कोरोना पर राजनीति खेल रहे हैं और प्रचार में व्यस्त हैं. वह शायद ही लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित नहीं हैं.

उन्होंने शुक्रवार शाम को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडियाट्रेडर्स (CAIT) के साथ बातचीत करते हुए बयान दिया.

डॉ हर्षवर्धन द्वारा दिए गए बयान ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ उनकी लड़ाई में केंद्र और राज्य सरकारों में मतभेद को भी उजागर किया है.

इससे पहले अपने एक बयान में डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि केंद्र और राज्य के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर काम कर रहे हैं.

हालांकि हर्षवर्धन ने किसी राज्य का नाम नहीं लिया लेकिन उनका निशाना साफ तौर विपक्ष शासित प्रदेशों, दिल्ली, महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल,राजस्थान पर था.

पिछले कई दिनों से बड़ी संख्या में मामले सामने आने के बाद कोरोना वायरस महामारी को लेकर दिल्ली सरकार का दृष्टिकोण आलोचना का विषय बन गया. दिल्ली पर कोरोना परीक्षण और निगरानी के खराब पैमाने को लेकर भी आरोप लगे.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिली है.

पढ़ें-भारत-चीन सीमा पर गतिरोध सुलझाने को शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने की बातचीत

डॉ हर्षवर्धन ने सीएआईटी को सूचित किया कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में कोरोना के कारण सबसे कम मृत्यु दर दर्ज की है.

डॉ हर्षवर्धन ने कहा हालाँकि हमने 2.87 प्रतिशत ही मृत्यु दर दर्ज की है, लेकिन जो लोग अपने प्रियजनों और करीबियों को खो चुके हैं, उनके लिए यह मृत्यु दर 100 प्रतिशत है और यह दुख उनके लिए असहनीय है.

उन्होंने इस दौरान नोट से कोरोना वायरस के फैलने के खतरे का जिक्र भी किया.

व्यापारी संघ ने कहा कि यदि करेंसी नोट संक्रमण फैला्ते हैं, तो निवारक और सुरक्षा उपाय क्या हैं. सरकार न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी सुझाव दे सकती है, ताकि मुद्रा नोटों के माध्यम से कोरोना वायरस महामारी को फैलाने की किसी भी संभावना को खतम या कम किया जाए.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कुछ राज्य सरकारें कोविड 19 महामारी पर राजनीति करके अपने प्रचार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.

डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि राज्य सरकार को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ईमानदार होना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ राज्य कोरोना पर राजनीति खेल रहे हैं और प्रचार में व्यस्त हैं. वह शायद ही लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित नहीं हैं.

उन्होंने शुक्रवार शाम को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडियाट्रेडर्स (CAIT) के साथ बातचीत करते हुए बयान दिया.

डॉ हर्षवर्धन द्वारा दिए गए बयान ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ उनकी लड़ाई में केंद्र और राज्य सरकारों में मतभेद को भी उजागर किया है.

इससे पहले अपने एक बयान में डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि केंद्र और राज्य के बीच कोई मतभेद नहीं है और दोनों कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर काम कर रहे हैं.

हालांकि हर्षवर्धन ने किसी राज्य का नाम नहीं लिया लेकिन उनका निशाना साफ तौर विपक्ष शासित प्रदेशों, दिल्ली, महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल,राजस्थान पर था.

पिछले कई दिनों से बड़ी संख्या में मामले सामने आने के बाद कोरोना वायरस महामारी को लेकर दिल्ली सरकार का दृष्टिकोण आलोचना का विषय बन गया. दिल्ली पर कोरोना परीक्षण और निगरानी के खराब पैमाने को लेकर भी आरोप लगे.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के मामलों में भारी वृद्धि देखने को मिली है.

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डॉ हर्षवर्धन ने सीएआईटी को सूचित किया कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में कोरोना के कारण सबसे कम मृत्यु दर दर्ज की है.

डॉ हर्षवर्धन ने कहा हालाँकि हमने 2.87 प्रतिशत ही मृत्यु दर दर्ज की है, लेकिन जो लोग अपने प्रियजनों और करीबियों को खो चुके हैं, उनके लिए यह मृत्यु दर 100 प्रतिशत है और यह दुख उनके लिए असहनीय है.

उन्होंने इस दौरान नोट से कोरोना वायरस के फैलने के खतरे का जिक्र भी किया.

व्यापारी संघ ने कहा कि यदि करेंसी नोट संक्रमण फैला्ते हैं, तो निवारक और सुरक्षा उपाय क्या हैं. सरकार न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी सुझाव दे सकती है, ताकि मुद्रा नोटों के माध्यम से कोरोना वायरस महामारी को फैलाने की किसी भी संभावना को खतम या कम किया जाए.

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