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स्वच्छ गंगा मिशन के तहत STP के लिए 24 हजार करोड़ रुपये मंजूर

केंद्र सरकार ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट क लिए 24000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. वैसे केंद्र सरकार एनएमसीजी के लिए कुल 29000 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. इस मुद्दे पर एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार ने ईटीवी भारत से बात की. जानें उन्होंने क्या कुछ कहा...

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Published : Jan 20, 2020, 6:54 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 6:22 PM IST

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अशोक कुमार, कार्यकारी निदेशक (एनएमसीजी)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 24000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार ने ETV Bharat से बातचीत में कहा, 'नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) में, हमने पिछले दो से तीन वर्षों में बहुत सफलता हासिल की है.

कुमार ने कहा, 'एनएमसीजी परियोजना के लिए मंजूर 29000 करोड़ रुपये में से 24000 करोड़ रुपये एसटीपी के लिए स्वीकृत हैं. कुल 151 एसटीपी में से 46 पहले ही पूरे हो चुके हैं और अन्य पूरा होने के करीब हैं.

एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार से बातचीत.

उन्होंने कहा कि एसटीपी सुनिश्चित करेगा कि अच्छा और उपचारित पानी नदी में बहाया जाए.

दिलचस्प यह है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान दर्जन भर राज्यों में निजी कम्पनियों को एसटीपी परियोजना का काम दिया गया है, जहां से गंगा निकलती हैं.

स्वच्छ गंगा मिशन के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को महत्व मिल रहा है.

इस क्रम में अडानी, शापूरजी जैसे उद्योगपतियों को साफ-सुथरी गंगा परियोजनाएं के लिए पुरस्कृत किया गया है.

सूत्रों ने कहा, अडानी समूह को दो परियोजनाएं मिली हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में 1,671 करोड़ रुपये के सीवेज ट्रीटमेंट कार्य की परियोजना है और बिहार में 254 करोड़ रुपये का एसटीपी प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है.

इसी तरह अन्य निजी कम्पनियों, जैसे शापूरजी पल्लोनजी प्राइवेट लिमिटेड, एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी करोड़ों रुपये की एसटीपी परियोजनाओं का काम मिला है.

कुमार ने आगे कहा कि उनका विभाग खेत आदि से निकलने वाले स्रोत को कम करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि कम से कम रासायनिक पानी नदी में जा सके.

पढ़ें- गंगा की सफाई अब 2022 तक पूरी हो सकेगी, NMCG ने तय की नई समय सीमा

कुमार ने कहा, 'स्वच्छ गंगा बेशक एक सतत प्रक्रिया है. लेकिन हम सभी हितधारकों, विशेषकर नागरिकों की भागीदारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

कुमार ने कहा, 'हमने प्रयागराज से गंगा सागर तक एक अभियान चलाया था और हमने इसमें आमुलचूल परिवर्चन पाया है. हम डॉल्फ़िन की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं, जो खुद दिखाता है कि गंगा साफ हो रही है.

उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव बहुत आवश्यक है.

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद गंगा की सफाई प्रमुख मुद्दों में एक बन गई थी. इसके लिए NMCG नाम का एक विभाग स्थापित किया गया था.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने स्वच्छ गंगा मिशन के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए 24000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार ने ETV Bharat से बातचीत में कहा, 'नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) में, हमने पिछले दो से तीन वर्षों में बहुत सफलता हासिल की है.

कुमार ने कहा, 'एनएमसीजी परियोजना के लिए मंजूर 29000 करोड़ रुपये में से 24000 करोड़ रुपये एसटीपी के लिए स्वीकृत हैं. कुल 151 एसटीपी में से 46 पहले ही पूरे हो चुके हैं और अन्य पूरा होने के करीब हैं.

एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार से बातचीत.

उन्होंने कहा कि एसटीपी सुनिश्चित करेगा कि अच्छा और उपचारित पानी नदी में बहाया जाए.

दिलचस्प यह है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान दर्जन भर राज्यों में निजी कम्पनियों को एसटीपी परियोजना का काम दिया गया है, जहां से गंगा निकलती हैं.

स्वच्छ गंगा मिशन के लिए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को महत्व मिल रहा है.

इस क्रम में अडानी, शापूरजी जैसे उद्योगपतियों को साफ-सुथरी गंगा परियोजनाएं के लिए पुरस्कृत किया गया है.

सूत्रों ने कहा, अडानी समूह को दो परियोजनाएं मिली हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में 1,671 करोड़ रुपये के सीवेज ट्रीटमेंट कार्य की परियोजना है और बिहार में 254 करोड़ रुपये का एसटीपी प्रोजेक्ट मिलने की संभावना है.

इसी तरह अन्य निजी कम्पनियों, जैसे शापूरजी पल्लोनजी प्राइवेट लिमिटेड, एस्सेल इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी करोड़ों रुपये की एसटीपी परियोजनाओं का काम मिला है.

कुमार ने आगे कहा कि उनका विभाग खेत आदि से निकलने वाले स्रोत को कम करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, ताकि कम से कम रासायनिक पानी नदी में जा सके.

पढ़ें- गंगा की सफाई अब 2022 तक पूरी हो सकेगी, NMCG ने तय की नई समय सीमा

कुमार ने कहा, 'स्वच्छ गंगा बेशक एक सतत प्रक्रिया है. लेकिन हम सभी हितधारकों, विशेषकर नागरिकों की भागीदारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

कुमार ने कहा, 'हमने प्रयागराज से गंगा सागर तक एक अभियान चलाया था और हमने इसमें आमुलचूल परिवर्चन पाया है. हम डॉल्फ़िन की संख्या में वृद्धि देख सकते हैं, जो खुद दिखाता है कि गंगा साफ हो रही है.

उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव बहुत आवश्यक है.

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद गंगा की सफाई प्रमुख मुद्दों में एक बन गई थी. इसके लिए NMCG नाम का एक विभाग स्थापित किया गया था.

Intro:New Delhi: The Centre has sanctioned Rs 24000 crore for Sewage Treatment Plant (STPs) to achieve its Clean Ganga Mission.


Body:"In the National Mission for Clean Ganga (NMCG), we have achieved lots of success in last two to three years," said Ashok Kumar, NMCG executive director while talking to ETV Bharat.

"Out of the Rs 29000 crore sanctioned for the NMCG project, Rs 24000 crore sanctioned for STPs. From a total of 151 STPs, 46 have already been completed and others are on the verge of completion," said Kumar.

He said that the STPs will ensure that good and treated water are flown into the river.

Interestingly, in the last three years dozen of STPs projects have also been awarded to the private players in states through which the 2,525 km river flows.

States like Uttarakhand, Uttar Pradesh, Bihar, Jharkhand, West Bengal, Haryana, Delhi and Himacha Pradesh are getting importance for Clean Ganga Mission.

Tycoons in the industry like Adani, Shapoorji among others have also been arwaded with clean Ganga projects.

Sources said, Adani group has been awarded with two projects. Project worth Rs 1,671 crore sewage treatment work has been awarded in Uttara Pradesh. The Adani is also likely to get Rs 254 crore STP project in Bihar.

Similarly other private players like Shapoorji Pallonji Private Limited, Essel Infraprojects Limited, Triveni Engineering & Industries Limited have also been awarded with STP projects worth crore of rupees.

Kumar further said that his department is also concentarting on reducing sweage source from farm etc from where fertilized sewage flow into the river.

"Clean Ganga is of course a continuous process. But we are trying to get involvement of all stakeholder especially citizens," said Kumar.


Conclusion:"We had carried an expedition from Prayagraj to Ganga Sagar and we have found total rejuvenation. We could see increase in the number of Dolphins which itself shows that the Ganga is getting cleaned," said Kumar.

He, however, said that a drastic change in peoples mindset is very necessary.

"We face problem like getting the people into it. We need to change the mindset," Kumar added.

It was in 2014 after the Modi Government came to the power Ganga became one of the key focus. A department named NMCG was set up.

end.
Last Updated : Feb 17, 2020, 6:22 PM IST
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