अलप्पुझा : बर्ड फ्लू संकट के बीच हालात का जायजा लेने के लिए केंद्र की तीन सदस्यीय टीम अलप्पुझा और कोट्टायम पहुंची. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि टीम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ रुचि जैन, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे के वैज्ञानिक डॉक्टर शैलेश पवार और राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली के डॉक्टर अनिथ जिंदल शामिल हैं. टीम ने यहां जिला प्रशासन के साथ हालात पर चर्चा की.
बाद में टीम कारुवत्ता रवाना हुई, जहां बर्ड फ्लू के काफी मामले सामने आए हैं. राज्य सरकार के बयान के अनुसार, बर्ड फ्लू को नियंत्रित करने के लिए बत्तखों और मुर्गों सहित 69 हजार से ज्यादा पक्षियों को बुधवार को अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में मार दिया गया.
शुरुआत में बर्ड फ्लू के मामले अलप्पुझा जिले के कुट्टानाद क्षेत्र की चार पंचायतों नेदुमुदी, तकाजी, पल्लीप्पड़ और कारुवात्ता तथा कोट्टायम जिले के नींदूर में आए थे. दोनों जिलों के अलावा जहां-जहां बर्ड फ्लू फैलने का संदह है, वहां पक्षियों को मारने के लिए 19 त्वरित प्रतिक्रिया टीम तैनात की गई है.
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राज्य के पशुपालन मंत्री के. राजू ने कहा कि बर्ड फ्लू वायरस के अभी तक मनुष्यों में आने की कोई सूचना नहीं है. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में पक्षियों के मांस और अंडा खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
राज्य सरकार ने उन किसानों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है जिनके पक्षियों को मारा जा रहा है. दो महीने तक के पक्षी के लिए 200 रुपये और दो महीने से कम के पक्षी के लिए 100 रुपये की दर से सहायता दी जाएगी.