नई दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण गत 25 मार्च से पूरे भारत में लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना के प्रसार में लॉकडाउन के प्रभाव को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण 14-29 लाख कम कोरोना पॉजिटिव केस रिपोर्ट किए गए.
केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि लॉकडाउन के कारण करीब 37 हजार से 78 हजार जानें बचाने में कामयाबी मिली है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) के सचिव प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड 19 लॉकडाउन की वजह रोक लगा नहीं तो देशभर में 14 से 29 लाख मामले और 37,000 से 78,000 लोगों की मौत हो सकती थी. इस संबंध में विशेष अधिकार प्राप्त समूह-एक के प्रमुख वीके पॉल ने इस संबंध में कहा कि सरकार अब भविष्य के लिए तैयार है.
दरअसल केंद्र सरकार ने कोविड-19 प्रवृत्ति को चिह्नित करने के लिए बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI), दो स्वतंत्र समूहों और सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन (MoSPI) सहित पांच समूहों का गणितीय मॉडल अपनाया है.
बीसीजी समूह के विश्लेषण का हवाला देते हुए, श्रीवास्तव ने कहा कि 1.2 से 2.1 लाख लोगों की जान बची.
आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी. पिछले 24 घंटे में 1,03,829 टेस्ट किए गए. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए. शुक्रवार दोपहर एक बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए.
शुक्रवार तक भारत ने 66,330 सक्रिय संक्रमण के साथ कुल 1,18,447 कोविड 19 के मामले दर्ज किए गए है. भारत में अब तक 3583 मौतें दर्ज की गई हैं और 48534 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं.पिछले 24 घंटों में 3334 ठीक होने के साथ भारत में कोविड-19 का वसूली दर अब 41 प्रतिशत है. मृत्यु दर भी 3.13 प्रतिशत से घटकर 3.02 प्रतिशत पर आ गई.