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शांति समझौते के बाद असम से सेना को वापस बुलाएगी केंद्र सरकार

केंद्र ने असम में तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को वापस बुलाने का फैसला किया है. क्योंकि केंद्र का मानना है कि राज्य में चरमपंथी गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और यह शांति के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है.

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जवान.
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Published : Jan 20, 2020, 11:51 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 7:45 PM IST

तेजपुर : केंद्र ने असम में तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को वापस बुलाने का फैसला किया है. क्योंकि केंद्र का मानना है कि राज्य में चरमपंथी गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और यह शांति के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है.

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जवानों को कई चरणों में हटाया जाएगा. जवानों को हटाने से पहले जमीनी स्तर पर निगरानी की जाएगी.

गौरतलब है कि सेना को 1990 में आतंकवादी विरोधी अभियान के लिए असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात किया गया था.

ज्ञातव्य है कि केंद्र ने हाल ही में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के अध्यक्ष सावरैग्वरा, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम इंडिपेंडेंट (ULFA) के अध्यक्ष के बरुआ के साथ के समझौते पर हस्ताक्षर किया था.

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अर्धसैनिक बलों के जवान.

गौरतलब है कि यह समझौता गत 16 जनवरी को किया गया था. इस वजह से केंद्र सेना को असम से वापस बुलाने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें- पुलवामा में सीआरपीएफ बंकर पर पेट्रोल बम फेंका गया, कोई नुकसान नहीं

NDFB के प्रमुख बी बिदाई ने इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इस पर असम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पल्लव भट्टाचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिदाई तीन नेताओं के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आएंगे.

हालांकि बिदाई असम में बड़े पैमाने पर अपराध, सीरियल ब्लास्ट और सोनितपुर जिले में महा आदिवासी नरसंहार में शामिल हैं. इस नरसंहार में 88 आदिवासी मारे गए थे.

तेजपुर : केंद्र ने असम में तैनात सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को वापस बुलाने का फैसला किया है. क्योंकि केंद्र का मानना है कि राज्य में चरमपंथी गतिविधियों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और यह शांति के लिए एक अच्छा संकेत माना जा रहा है.

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जवानों को कई चरणों में हटाया जाएगा. जवानों को हटाने से पहले जमीनी स्तर पर निगरानी की जाएगी.

गौरतलब है कि सेना को 1990 में आतंकवादी विरोधी अभियान के लिए असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात किया गया था.

ज्ञातव्य है कि केंद्र ने हाल ही में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के अध्यक्ष सावरैग्वरा, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असोम इंडिपेंडेंट (ULFA) के अध्यक्ष के बरुआ के साथ के समझौते पर हस्ताक्षर किया था.

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अर्धसैनिक बलों के जवान.

गौरतलब है कि यह समझौता गत 16 जनवरी को किया गया था. इस वजह से केंद्र सेना को असम से वापस बुलाने का निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें- पुलवामा में सीआरपीएफ बंकर पर पेट्रोल बम फेंका गया, कोई नुकसान नहीं

NDFB के प्रमुख बी बिदाई ने इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इस पर असम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पल्लव भट्टाचार्य ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बिदाई तीन नेताओं के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आएंगे.

हालांकि बिदाई असम में बड़े पैमाने पर अपराध, सीरियल ब्लास्ट और सोनितपुर जिले में महा आदिवासी नरसंहार में शामिल हैं. इस नरसंहार में 88 आदिवासी मारे गए थे.

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Tezpur: The centre has decided to withdrawal of Army from Assam as the extremist activities have gradually improve in the state. A good sign for Peace .

According to sources the central government have been monitoring as the situation improving then earlier in the state of Assam .The situation should deal by state police along  with the help of the paramilitary forces ,sources said .

During this period centre and  state governments likly monitor the ground situation before going to withdrawal of Army as a phase wise . It is mentioned that army was deployed in Assam and Northeast for counter-insurgency operation since 1990 in November .

Mentionably Centre had recently signed Suspention of Operation (SoO), with another faction of National Democratic Front of Boroland Saoraigwra NDFB (S) group and the major outfit United Liberation Front of Asom Independent ULFA(I) led by C-in-C Paresh Baruah which does not provide green signal for deployment of army all over Assam. The outfit Sauragoura faction of NDFB signed tripartite SoO agreement with GOI and Assam governent on January 16 this month where draded faction of same group B Bidai did not come to join with tripartite .

According to Pallab Bhattacharchya senior Retd. Cops from Assam informed to media today that B Bidai would come for peace agreement along with three leader. However Bidai was involve henious crime , serial blast at Assam in 2008, and the great Adivasi massacare in Sonitpur district where 88 inocent Adivasi people were kiled.

The agrement was signed between NDFB(S) president B.Saoraigwra, Secretary Ferenga, Assam home commissioner Ashutosh Agnihotri and joint Secretary (Northeast)in the Union home Ministry Satyendra Garg at New Delhi .

Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 7:45 PM IST
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