नई दिल्ली : केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रवासी मजदूरों और फंसे हुए लोगों की सुरक्षा, आश्रय और भोजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है.
महाराष्ट्र और गुजरात में प्रवासी लोगों के प्रदर्शनों के हालिया उदाहरणों के मद्देनजर यह निर्देश काफी अहम है.
इसके अलावा, ऐसी खबरें भी हैं कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रवासी मजदूरों और उनके परिवारों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने सभी जिलों में प्रवासी मजदूरों और फंसे लोगों की गणना कर उनके भोजन और आश्रय करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है.
विज्ञप्ति के अनुसार कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को श्रमिकों की सुरक्षा, आश्रय और भोजन सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसे गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए विस्तृत दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाना है.
राज्यों से कहा गया है कि वे सभी जिलाधिकारियों को स्थिति की तत्काल समीक्षा करने का निर्देश दें.
पढ़ें : देशभर में कोरोना वायरस से 420 मौत; संक्रमितों की संख्या 12,759 पहुंची
प्रत्येक राहत शिविर का प्रभार एक वरिष्ठ अधिकारी को दिए जाने का निर्देश भी दिया गया है.
बयान में कहा गया है कि वे लॉकडाउन के दौरान फंसे सभी लोगों और प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया कराने के लिए नागरिक संगठनों और मध्याह्न भोजन सुविधाओं के नेटवर्क को भी शामिल कर सकते हैं.
इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, ऐसे लोगों को मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सलाह भी प्रदान किए जा सकते हैं.