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'कोविड-19 के बीच बिहार चुनाव पर दुनियाभर की नजरें, आयोग प्रतिबद्ध' - बिहार विधानसभा चुनाव

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 तीन चरणों में कराए जाने हैं. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसके लिए पूरी योजना पेश कर दी है. 10 नवंबर को चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे. हालांकि, लोकतंत्र के महापर्व के आय़ोजन की तमाम कवायदों के बीच कोरोना महामारी (कोविड-19) भी एक चिंता का कारण है. खुद मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि कोविड-19 के बीच बिहार चुनाव विश्व की सबसे बड़ी चुनावी कवायद है. उन्होंने इस काम में अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है.

बिहार विधानसभा चुनाव
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Published : Oct 6, 2020, 4:15 AM IST

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 28 अक्टूबर, तीन और सात नवंबर को मतदान कराए जाने हैं. 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले मतदान व अन्य चुनावी प्रक्रियाओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने पर्यवेक्षकों से कहा कि कोविड-19 के बीच बिहार विधानसभा चुनाव विश्व की सबसे बड़ी चुनावी कवायद है और उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

सोमवार को एक प्रेस वार्ता में अरोड़ा ने कहा कि इस चुनाव पर पूरे विश्व समुदाय की नजर होगी. उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, नियम अनुपालन से युक्त और 'कोविड सुरक्षित' चुनाव कराने की निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई.

बिहार में तैनात चुनाव पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति मतदाताओं में निहित है.

निर्वाचन आयोग ने उनके हवाले से एक बयान में कहा, 'मतदाता में यह विश्वास भरने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए कि वह मतदान के दिन सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से अपना वोट डालने मतदान केंद्र पहुंचे.'

उन्होंने अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए कहा कि महामारी के बीच दुनियाभर में हो रहे इस सबसे बड़े चुनाव पर विश्व समुदाय की उत्सुकता से नजर होगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पर्यवेक्षकों का आह्वान किया कि वे स्थानीय चुनाव मशीनरी के मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं तथा उसकी मदद करें और उसके मुद्दों का समाधान करें. उन्होंने चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए विगत के कुछ विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की.

यह भी पढ़ें : 28 अक्टूबर से तीन चरणों में मतदान, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे

बयान में कहा गया कि सोमवार को हुई बैठक डिजिटल और भौतिक उपस्थिति का मिश्रण थी जिसमें 700 से अधिक सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक देश के 119 स्थानों से शामिल हुए तथा दिल्ली में पदस्थ लगभग 40 पर्यवेक्षक भौतिक रूप से उपस्थित हुए.

इस दौरान चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने अधिकारियों को दिशा-निर्देशों के बारे में बताया. उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे शिकायतों का सक्रियता से समाधान करें और अपनी ड्यूटी निष्पक्ष तरीके से निभाएं.

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पर्यवेक्षकों के रूप में निर्वाचन आयोग की ओर से काम करना अधिकारियों का एक संवैधानिक दायित्व है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि वे जमीनी स्तर पर निर्वाचन आयोग का चेहरा हैं और उन्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिहार विधानसभा चुनाव पर दुनियाभर की नजर है.

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 28 अक्टूबर, तीन और सात नवंबर को मतदान कराए जाने हैं. 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए होने वाले मतदान व अन्य चुनावी प्रक्रियाओं पर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है. उन्होंने पर्यवेक्षकों से कहा कि कोविड-19 के बीच बिहार विधानसभा चुनाव विश्व की सबसे बड़ी चुनावी कवायद है और उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

सोमवार को एक प्रेस वार्ता में अरोड़ा ने कहा कि इस चुनाव पर पूरे विश्व समुदाय की नजर होगी. उन्होंने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, नियम अनुपालन से युक्त और 'कोविड सुरक्षित' चुनाव कराने की निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता दोहराई.

बिहार में तैनात चुनाव पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए अरोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति मतदाताओं में निहित है.

निर्वाचन आयोग ने उनके हवाले से एक बयान में कहा, 'मतदाता में यह विश्वास भरने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए कि वह मतदान के दिन सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से अपना वोट डालने मतदान केंद्र पहुंचे.'

उन्होंने अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए कहा कि महामारी के बीच दुनियाभर में हो रहे इस सबसे बड़े चुनाव पर विश्व समुदाय की उत्सुकता से नजर होगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पर्यवेक्षकों का आह्वान किया कि वे स्थानीय चुनाव मशीनरी के मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं तथा उसकी मदद करें और उसके मुद्दों का समाधान करें. उन्होंने चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए विगत के कुछ विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की.

यह भी पढ़ें : 28 अक्टूबर से तीन चरणों में मतदान, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे

बयान में कहा गया कि सोमवार को हुई बैठक डिजिटल और भौतिक उपस्थिति का मिश्रण थी जिसमें 700 से अधिक सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक देश के 119 स्थानों से शामिल हुए तथा दिल्ली में पदस्थ लगभग 40 पर्यवेक्षक भौतिक रूप से उपस्थित हुए.

इस दौरान चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने अधिकारियों को दिशा-निर्देशों के बारे में बताया. उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे शिकायतों का सक्रियता से समाधान करें और अपनी ड्यूटी निष्पक्ष तरीके से निभाएं.

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पर्यवेक्षकों के रूप में निर्वाचन आयोग की ओर से काम करना अधिकारियों का एक संवैधानिक दायित्व है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि वे जमीनी स्तर पर निर्वाचन आयोग का चेहरा हैं और उन्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिहार विधानसभा चुनाव पर दुनियाभर की नजर है.

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