नयी दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुनील अरोड़ा ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की गुंजाइश से इनकार करते हुए कहा है कि मतदान के लिए मतपत्र की ओर लौटने की अब कोई सवाल ही नहीं है.
अरोड़ा ने बुधवार को एक सम्मेलन में कहा कि जिस प्रकार किसी कार या पेन का दुरुपयोग किया जा सकता है, उसी तरह ईवीएम का भी दुरुपयोग किया जाना तो संभव है, लेकिन इससे छेड़छाड़ कर कोई गड़बड़ी नहीं की जा सकती.
अरोड़ा ने कहा कि ईवीएम का इस्तेमाल पिछले 20 सालों से किया जा रहा है और उच्चतम न्यायालय सहित अन्य अदालतें ईवीएम को मतदान के लिए सही ठहरा चुकी हैं, ऐसे में ईवीएम की बजाय मतपत्र की ओर लौटने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने कहा कि आयोग चुनाव सुधारों, खासकर चुनाव आचार संहिता के पालन को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा.
सम्मेलन में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में अरोड़ा ने कहा कि इस बारे में राजनीतिक दलों की सहमति से सरकार को फैसला करना है. इस दिशा में किये गये फैसले को आयोग लागू कर सकता है.
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सीईसी अरोड़ा ने यह भी बताया कि आयोग किसी स्थान के मतदाता को किसी अन्य स्थान से मतदान करने की सुविधा को भी मुहैया कराए जाने की परियोजना पर भी काम कर रहा है. उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि इस व्यवस्था के तहत अगर राजस्थान का कोई मतदाता चेन्नई में कार्यरत है तो वह राजस्थान में चुनाव होने पर चेन्नई से ही मतदान कर सकेगा. इस परियोजना पर आयोग के विशेषज्ञ आईआईटी मद्रास के साथ मिल कर काम कर रहे हैं.
उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका अर्थ यह नहीं होगा कि लोग घर बैठे ही मतदान कर सकेंगे, बल्कि दूरस्थ मतदान के लिए मतदाता को मतदान केंद्र पर जाना होगा. उल्लेखनीय है कि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए मौजूदा कानून में बदलाव की जरूरत होगी.