नई दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) विद्यार्थियों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक और विश्लेषण की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए 2023 तक 10वीं और 12वीं परीक्षा के प्रश्न पत्रों के स्वरूप में बड़ा बदलाव करेगा. सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना वक्त की जरूरत है.
भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) द्वारा आयोजित शिक्षा शिखर सम्मेलन में त्रिपाठी ने कहा, 'इस साल जहां 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 20 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करना होगा, वहीं 10 फीसदी सवाल रचनात्मक विचार पर आधारित होंगे. वहीं 2023 तक 10वीं और 12वीं कक्षाओं के प्रश्नपत्र रचनात्मकता, आलोचनात्मक और विश्लेषण पर आधारित होंगे.'
उन्होंने कहा कि भारत में व्यावसायिक विषयों को ज्यादा छात्र नहीं मिलते हैं. ऐसा रोजगार की कमी, बाजार की स्थिरता की कमी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं होने की वजह से होता है.
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त्रिपाठी ने कहा कि इसके अलावा शिक्षा प्रणाली में बुनियादी ढांचे, शिक्षकों, अभिभावकों और विद्यार्थियों के बीच आपसी संबंध को बढ़ावा देने की बेहद जरूरत है.
नई शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य व्यावसायिक विषयों और मुख्य विषयों के बीच के अंतर को भरना है.