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बस्सी को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ट्रांसफर के खिलाफ याचिका

सीबीआई के डीएसपी ए.के. बस्सी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने बस्सी के अंडमान में ट्रांसफर के आदेश पर दखल देने से साफ इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने साथ ही उन्हें उच्चाधिकारियों से संपर्क करने को कहा है.

बस्सी को कोर्ट से नहीं मिली राहत
बस्सी को कोर्ट से नहीं मिली राहत
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Published : Jul 28, 2020, 5:55 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के डीएसपी ए.के. बस्सी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. इस क्रम में शीर्ष न्यायालय ने बस्सी के अंडमान में ट्रांसफर के आदेश पर दखल देने से साफ इनकार कर दिया.

अंतरिम सीबीआई निदेशक एम. नागेश्वर राव द्वारा बस्सी का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थानांतरण किया गया था.

गौरतलब है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति को पहले ही शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी गई है और यह घटनाक्रम सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तनातनी के दौरान हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बस्सी से पूछा कि वह अब तक अंडमान क्यों नहीं गए. बस्सी ने जानकारी दी कि उन्हें सीबीआई के भीतर मामले को सुलझाने का एक विकल्प दिया गया था.

पढ़ें : राजस्थान : स्पीकर के आदेश को हाईकोर्ट में भाजपा की चुनौती, प्रियंका ने साधा निशाना

न्यायाधीशों ने कहा कि स्थानांतरण आदेश कोर्ट द्वारा निर्धारित नहीं किया गया और उन्होंने कभी नहीं कहा कि बस्सी को अपनी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं करनी चाहिए.

अदालत ने बस्सी की याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार करके हुए कहा कि यदि वह पोर्ट ब्लेयर के लिए अपने स्थानांतरण आदेश को अवैध मानते हैं तो सक्षम अधिकारियों से संपर्क करें.

नई दिल्ली : केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के डीएसपी ए.के. बस्सी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. इस क्रम में शीर्ष न्यायालय ने बस्सी के अंडमान में ट्रांसफर के आदेश पर दखल देने से साफ इनकार कर दिया.

अंतरिम सीबीआई निदेशक एम. नागेश्वर राव द्वारा बस्सी का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थानांतरण किया गया था.

गौरतलब है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति को पहले ही शीर्ष अदालत के समक्ष चुनौती दी गई है और यह घटनाक्रम सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तनातनी के दौरान हुआ था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बस्सी से पूछा कि वह अब तक अंडमान क्यों नहीं गए. बस्सी ने जानकारी दी कि उन्हें सीबीआई के भीतर मामले को सुलझाने का एक विकल्प दिया गया था.

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न्यायाधीशों ने कहा कि स्थानांतरण आदेश कोर्ट द्वारा निर्धारित नहीं किया गया और उन्होंने कभी नहीं कहा कि बस्सी को अपनी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं करनी चाहिए.

अदालत ने बस्सी की याचिका पर सुनवाई करने से साफ इनकार करके हुए कहा कि यदि वह पोर्ट ब्लेयर के लिए अपने स्थानांतरण आदेश को अवैध मानते हैं तो सक्षम अधिकारियों से संपर्क करें.

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