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दिल्ली : पी. चिदंबरम के घर पहुंची सीबीआई टीम, वापस लौटी

सीबीआई की टीम पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के घर पर पहुंची. दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया केस में आज उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

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Published : Aug 20, 2019, 3:40 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 4:14 PM IST

सीबीआई टीम चिदंबरम के घर पर पहुंची

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया स्कैम मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आज पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद सीबीआई अधिकारियों की एक टीम चिदंबरम के घर पहुंची. हालांकि, थोड़ी ही देर में अधिकारियों की टीम चिदंबरम के घर से वापस लौट गई.

सीबीआई टीम चिदंबरम के घर पर पहुंची

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुनील गौर ने चिदंबरम की याचिका पर फैसला सुनाया. अब पी चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट जाना होगा. हाईकोर्ट ने पिछले 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पी. चिदंबरम के घर पर नोटिस लगाया

सुनवाई के दौरान सीबाआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है.

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नोटिस

हिरासत में पूछताछ जरूरी !
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं. इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है.

कोर्ट.

एफआईआर में चिदंबरम का नाम नहीं
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून, 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है. उन्होंने कहा था कि मामले में जो पांच आरोपी हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं.

305 करोड़ रुपये का घोटाला
मनी लॉन्ड्रिंग मामले के बारे में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है वे जांच में शामिल हुए हैं. 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है.

ये भी पढ़ें: चिदंबरम बुधवार को SC में अपील करेंगे, जानें हाईकोर्ट से मिले झटके के बाद क्या हुआ

कहां से शुरु हुआ घटनाक्रम
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया स्कैम मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आज पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद सीबीआई अधिकारियों की एक टीम चिदंबरम के घर पहुंची. हालांकि, थोड़ी ही देर में अधिकारियों की टीम चिदंबरम के घर से वापस लौट गई.

सीबीआई टीम चिदंबरम के घर पर पहुंची

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुनील गौर ने चिदंबरम की याचिका पर फैसला सुनाया. अब पी चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट जाना होगा. हाईकोर्ट ने पिछले 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पी. चिदंबरम के घर पर नोटिस लगाया

सुनवाई के दौरान सीबाआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है.

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हिरासत में पूछताछ जरूरी !
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं. इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है.

कोर्ट.

एफआईआर में चिदंबरम का नाम नहीं
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून, 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है. उन्होंने कहा था कि मामले में जो पांच आरोपी हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं.

305 करोड़ रुपये का घोटाला
मनी लॉन्ड्रिंग मामले के बारे में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है वे जांच में शामिल हुए हैं. 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है.

ये भी पढ़ें: चिदंबरम बुधवार को SC में अपील करेंगे, जानें हाईकोर्ट से मिले झटके के बाद क्या हुआ

कहां से शुरु हुआ घटनाक्रम
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई. इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया है। जस्टिस सुनील गौर ने ये फैसला सुनाया। अब पी चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट जाना होगा। कोर्ट ने पिछले 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।



Body:सुनवाई के दौरान सीबाआई और ईडी ने कोर्ट से कहा था कि आईएनएक्स मीडिया मामले में जांच के लिए पी चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत जरूरी है। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पी चिदंबरम पूछताछ के दौरान टालमटोल करते रहे और अपनी जानकारी का खुलासा नहीं कर रहे हैं। इसलिए उनको हिरासत में लेकर पूछताछ जरुरी है।
चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जून 2018 में सिर्फ एक बार सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था और एफआईआर में आरोपी के रूप में भी उनका नाम नहीं है। उन्होंने कहा था कि मामले में जा पांच आरोपी हैं और उनमें से चार जमानत पर हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले के बारे में सिब्बल ने कहा था कि चिदंबरम को जब भी ईडी ने जांच के लिए बुलाया है वे जांच में शामिल हुए हैं। 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे और 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में है। 



Conclusion:आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई । इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
Last Updated : Sep 27, 2019, 4:14 PM IST
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