जयपुर : राजस्थान के करौली जिले में पुजारी की हत्या के मामले में पीड़ित परिवार ने धरना खत्म कर दिया है. पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. इसके अलावा थानाधिकारी और पटवारी को हटाया जाएगा. राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने धरने की समाप्ति की घोषणा की. इसके बाद परिजनों ने मृतक पुजारी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है.
इससे पहले राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की और राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता प्रकट की. वहीं, भाजपा ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. हाल के दिनों में राजस्थान में बलात्कार और हत्या के कई मामले सामने आए हैं. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा है कि किसी भी मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, भाजपा इस मामले में लगातार सरकार को घेरने में लगी हुई है.
करौली जिले में पुजारी के रिश्तेदारों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने जिले के एसडीएम प्रकाश मीणा को अपनी मांगों की सूची सौंपी है. जिला प्रशासन ने परिवार से अंतिम संस्कार कराने की भी अपील की.
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से बात की
राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दूरभाष पर करौली में पुजारी को जिंदा जलाने, बाड़मेर में नाबालिग से बलात्कार सहित प्रदेश की कानून और व्यवस्था को लेकर चर्चा की. इस दौरान राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री गहलोत से इन घटनाओं पर चिंता जताई.
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को बताया कि इन सभी घटनाओं का राज्य सरकार ने संज्ञान में ले लिया है. घटनाओं की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. सभी घटनाओं पर पूरी जांच के साथ कार्रवाई की जाएगी. राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की कानून और व्यवस्था पर उनकी पूरी नजर है. अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देश दे दिए हैं.
धरने पर बैठे राज्यसभा सांसद
वहीं, पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए शनिवार को राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी पहुंचे. मीणा परिवार के साथ शव को लेकर धरने पर बैठ गए. किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि अगर पीड़ित को न्याय नहीं मिला, तो वह सीएम हाउस पर शव को रखकर धरना पर बैठेंगे.
राजस्थान के करौली जिले में भूमि विवाद को लेकर पांच लोगों ने कथित तौर पर पुजारी को जिंदा जला दिया था. गुरुवार को एसएमएस अस्पताल में उनकी मौत हो गई. पुलिस ने इस बारे में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
आरोप है कि मंदिर के पास की खेती की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे इन लोगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. घायल पुजारी को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. गुरुवार को उन्हें जयपुर भेजा गया, वहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
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करौली के पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा के अनुसार, घायल पुजारी के बयानों पर आईपीसी की धारा 307 में मामला दर्ज किया गया था. पुजारी की मौत के बाद इस मामले में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी गई है. प्रकरण के मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
सरकार के अस्थिर होने से प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है : शेखावत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने करौली जिले के सपोटरा में हुई घटना पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में पिछले डेढ़ साल से सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनशीलता के कारण सरकार अस्थिर होने के कारण कानून व्यवस्था लगभग समाप्त हो चुकी है. राजस्थान की पुलिस देश में सर्वश्रेष्ठ पुलिस मानी जाती थी, जिसका ध्येय वाक्य था, 'अपराधियों में डर आमजन में विश्वास'. लेकिन पिछले डेढ़ साल में घटनाएं जिस तरीके से सामने आ रही हैं, उससे केवल आमजन में ही डर बढ़ रहा है.
शेखावत का ट्वीट
शेखावत ने ट्वीट किया, 'करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जला देना राजस्थान की दुर्दशा का हाल बता रहा है. अशोक जी राजस्थान को बंगाल बनाना चाहते हो या राज्य जिहादियों को सौंप दिया है, या इसका भी ठीकरा अपने राजकुमार की तरह मोदी जी या योगी जी पर फोड़ोगे?'
शेखावत के अनुसार, न ही महिलाएं, बच्चे, मंदिर के पुजारी यहां तक की प्रदेश के थाने भी सुरक्षित नहीं है. अब राजस्थान की पुलिस के लिए लोगों के मन में अवधारणा है और राजस्थान की पुलिस का इकबाल समाप्त हो रहा है. जिसके बाद राजस्थान पुलिस के लिए ध्येय वाक्य है तो वह है 'अपराधियों में विश्वास आमजन में डर'. प्रदेश का आमजन अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है.
जानकारी के मुताबिक, डीएम सिद्धार्थ सिहाग और एसपी मृदृल कच्छावा समझौते की वार्ता कर रहे हैं. लेकिन ग्रामीण अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. करणी सेना प्रदेश अध्यक्ष भी धरना स्थल पर पहुंच चुके हैं.
मनोज राजोरिया का कटाक्ष
धरने में पहुंचे सांसद मनोज राजोरिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कांग्रेस सरकार पर जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था विफल है, अराजकता की स्थिति फैली हुई है. जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलेगा और हमारी मांग पूरी नहीं हो जाएगी, तब तक धरना जारी रहेगा.
मनोज राजोरिया ने कहा कि बुकना गांव में जिस तरीके से एक पुजारी को जलाकर हत्या की गई, वह हृदय विदारक और निंदाजनक घटना है. जिस प्रकार से कांग्रेस सरकार आंखें बंद करके बैठी हुई है, कोई संवेदना नहीं बची है. जनता को कोई राहत नहीं दे रही है. हम आशा करते हैं और मांग करते हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे. अभी तक इस संबंध में पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता देने के लिए बातचीत नहीं हो पाई है.
घटनास्थल पर जुटे बड़े नेता
पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए तमाम बड़े नेता घटनास्थल पर शव के साथ धरना दे रहे हैं. इधर घटना स्थल पर चल रहे धरने में अब लगातार न्याय दिलाने की मांग करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. धरने में भाजपा करौली धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया भी पहुंचे.
वहीं, 12 घंटे से अधिक समय से शव पीड़ित के घर में रखा हुआ है, लेकिन प्रशासन के उच्च अधिकारी अभी तक धरना स्थल पर नहीं पहुंचे. शुक्रवार को जब अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर पीड़ित के घर पहुंचे तो पीड़ित के परिजनों की हालत ज्यादा खराब न हो, इसके लिए चिकित्सा टीम को पाबंद किया था.
वसुंधरा राजे ने बोला हमला
राज्यस्थान की पूर्व मुख्यमत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि करौली जिले के सपोटरा में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार देने के मामले की जितनी निंदा की जाए, जितना दुःख जताया जाए, कम है.
गहलोत ने ट्वीट कर जताया दुख
मुख्यंमत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर घटना पर जताया दुख है. उन्होंने कहा कि सपोटरा, करौली में बाबूलाल वैष्णव जी की हत्या अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है. सभ्य समाज में ऐसे कृत्य का कोई स्थान नहीं है. प्रदेश सरकार इस दुखद समय में शोकाकुल परिजनों के साथ है. घटना के प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है एवं कार्रवाई जारी है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
सतीश पूनिया का बयान
पूजारी हत्या की सतीश पूनिया ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर तरह के अपराधों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. सपोटरा में मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने की घटना यह दर्शाती है कि अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है. प्रदेश की जनता भयभीत है, डरी हुई है, सहमी हुई है. आखिर गहलोत जी आप कब तक अपराधियों के मसीहा बनकर रहोगे?
राजेंद्र राठौड़ ने साधा निशाना
राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा, 'मानवता हाथरस में भी शर्मसार हुई थी. मानवता बूकना गांव सपोटरा में भी शर्मसार हुई है. ऐसी लोमहर्षक घटना की तुलना किससे की जाए यह ज्ञान आप ही दे दो.'