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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत ने दावा पेश किया - candidature of india at unsc

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की सदस्यता के लिए भारत ने आज दावा पेश कर दिया.

jaishankar
एस जयशंकर
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Published : Jun 5, 2020, 11:51 AM IST

Updated : Jun 5, 2020, 12:55 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की सदस्यता के लिए भारत का दावा पेश कर दिया. उन्होंने एक संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान इस संबंध में एक ब्रॉशर भी जारी किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत यूएनएससी की अस्थायी सीट पर दो वर्षों की सदस्यता का दावा कर रहा है. उन्होंने कहा कि दो वर्षों की अवधि जनवरी, 2021 में शुरू होगी.

उन्होंने बताया कि यूएन में 17 जून को इस सीट के लिए मतदान होने हैं. भारत इस सीट के लिए क्षेत्रीय दलों से समर्थित अकेला उम्मीदवार है. विदेश मंत्री ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व भारत सुरक्षा परिषद में चुना गया था. उन्होंने बताया कि इसके बाद हालात काफी बदले हैं. उन्होंने बदलते समय के साथ अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़ी 4 बड़ी चुनौतियों का भी जिक्र किया.

यूएनएससी की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी

जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शासन में तनाव और टकराव बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं, जिसमें आतंक सबसे ज्वलंत मुद्दा है.

बकौल जयशंकर वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं हुआ है और यहां पर्याप्त प्रतिनिधित्व भी नहीं हो रहा. इसलिए इन संस्थाओं से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे. कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी के कारण सामने आई कई आर्थिक चुनौतियां भी पूरी दुनिया के सामने है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक सुरक्षा में सकारात्मक योगदान देने और लोकतांत्रिक शासन प्रणाली होने के कारण भारत यूएनएससी के सदस्यों के साथ सकारात्मक रूप से काम करेगा. इससे सभी कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत समावेशी और नए समाधान का भी सुझाव देगा.

बता दें कि इससे पहले विगत फरवरी माह में संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ मनाने की अधिघोषणा की गई थी. इस दौरान हुए एक अनौपचारिक विमर्श के दौरान भारत के उपस्थायी प्रतिनिधि राजदूत के. नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों पर ठोस प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया था.

भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं को अपनी विश्वसनीयता कायम रखने के लिए आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है. 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने तथा अवसरों का लाभ उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र् सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों पर ठोस प्रगति आवश्यक है.

बता दें कि भारत के अलावा ब्राजील, जर्मनी और जापान भी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहे हैं. यह देश परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग कर रहे हैं.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की सदस्यता के लिए भारत का दावा पेश कर दिया. उन्होंने एक संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान इस संबंध में एक ब्रॉशर भी जारी किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत यूएनएससी की अस्थायी सीट पर दो वर्षों की सदस्यता का दावा कर रहा है. उन्होंने कहा कि दो वर्षों की अवधि जनवरी, 2021 में शुरू होगी.

उन्होंने बताया कि यूएन में 17 जून को इस सीट के लिए मतदान होने हैं. भारत इस सीट के लिए क्षेत्रीय दलों से समर्थित अकेला उम्मीदवार है. विदेश मंत्री ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व भारत सुरक्षा परिषद में चुना गया था. उन्होंने बताया कि इसके बाद हालात काफी बदले हैं. उन्होंने बदलते समय के साथ अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़ी 4 बड़ी चुनौतियों का भी जिक्र किया.

यूएनएससी की सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी

जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शासन में तनाव और टकराव बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं, जिसमें आतंक सबसे ज्वलंत मुद्दा है.

बकौल जयशंकर वैश्विक संस्थाओं में सुधार नहीं हुआ है और यहां पर्याप्त प्रतिनिधित्व भी नहीं हो रहा. इसलिए इन संस्थाओं से अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहे. कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी के कारण सामने आई कई आर्थिक चुनौतियां भी पूरी दुनिया के सामने है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक सुरक्षा में सकारात्मक योगदान देने और लोकतांत्रिक शासन प्रणाली होने के कारण भारत यूएनएससी के सदस्यों के साथ सकारात्मक रूप से काम करेगा. इससे सभी कमियों को दूर करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत समावेशी और नए समाधान का भी सुझाव देगा.

बता दें कि इससे पहले विगत फरवरी माह में संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ मनाने की अधिघोषणा की गई थी. इस दौरान हुए एक अनौपचारिक विमर्श के दौरान भारत के उपस्थायी प्रतिनिधि राजदूत के. नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों पर ठोस प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया था.

भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं को अपनी विश्वसनीयता कायम रखने के लिए आमूलचूल परिवर्तन करने की जरूरत है. 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने तथा अवसरों का लाभ उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र् सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधारों पर ठोस प्रगति आवश्यक है.

बता दें कि भारत के अलावा ब्राजील, जर्मनी और जापान भी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहे हैं. यह देश परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग कर रहे हैं.

Last Updated : Jun 5, 2020, 12:55 PM IST
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