नई दिल्ली : कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान भारत के तहत निजी अस्पतालों को अस्थायी रूप से पैनल में शामिल करने का अभियान शुरू किया है, ताकि कैंसर और हृदयरोग जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार जारी रहे.
केंद्र ने कोविड-19 के परीक्षण एवं उपचार को आयुष्मान प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाने के हाल के अपने फैसले के बाद यह कदम उठाया है। कोरोना वायरस का परीक्षण एवं उपचार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल एवं दिशानिर्देश के तहत किया जाना है.
प्राधिकरण ने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में कई मेडिकल कॉलेज, नगर एवं जिला अस्पताल, जो एबी-पीएमजेएवाई मरीजों का उपचार कर रहे थे, अब कोविड-19 स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील कर दिए गए हैं. उसने कहा कि हॉस्पीटल इम्पैनल मोड्यूल लाइट नामक इस नई प्रणाली के शुरू होने के साथ ही निरंतर उपचार की जरूरत वाले कैंसर, मधुमेह जैसे गंभीर रोगों के रोगी संक्रमित होने के डर के बगैर जरूरी सेवाएं हासिल करते रहेंगे.
यह प्रणाली समर्पित-19 अस्पतालों को भी पैनल में शामिल होने में मदद पहुंचाएगी. अस्पताल एबी-पीएमएवाई वेबसाइट पर उपलब्ध दोस्ताना ऑनलाइन व्यवस्था के तहत तीन महीने के लिए पैनल में शामिल हो सकते हैं.