नई दिल्ली : राजधानी के अलग-अलग बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के चलते विभिन्न वर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन असुविधाओं को देखते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की तरफ से व्यापार से जुड़े अलग-अलग संगठनों के साथ चर्चा के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया. इसमें ट्रांसपोर्टर, उपभोक्ता, लघु उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण व्यापार, कृषि उपकरण व्यापार समेत तमाम स्टेकहोल्डर शामिल हुए और किसानों के मुद्दों और केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों पर चर्चा की.
30-40 फ़ीसदी तक व्यापार में आई गिरावट
इस दौरान कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने ईटीवी भारत को बताया पिछले करीब 20 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के चलते करीब 5000 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ है. दिल्ली और आसपास के राज्यों में करीब 30 से 40 फीसदी तक व्यापार में गिरावट आई है.
किसान आंदोलन के चलते व्यापार को हो रहा भारी नुकसान
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसान पिछले 20 दिनों से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन कर रहा है. हम किसानों के अधिकारों का सम्मान करते हैं लेकिन हम यह कहना चाहते हैं कि किसानों के अधिकार के चलते दूसरे वर्गों के अधिकारों का हनन न हो. पिछले 20 दिनों से सप्लाई चेन पूरी तरीके से प्रभावित है और व्यापार में भारी नुकसान किसान आंदोलन के चलते देखने को मिल रहा है.
अब किसान आंदोलन की बदल रही तस्वीर
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि आज से 15 दिन पहले किसान आंदोलन को जो समर्थन मिल रहा था, वह अब देखने को शायद नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन कि अब एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है. किसान हर मौसम में कड़ी मेहनत के साथ खेती करता है. मजदूरी कर सिंचाई करता है. वही किसान इस वक्त अलग-अलग सुविधाओं के साथ आंदोलन कर रहा है.
व्यापारी और किसानों के बीच बातचीत के लिए बनाई समिति
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि किसानों का मुद्दा जल्द से जल्द हल होना चाहिए. सरकार और किसानों के बीच कानूनों को लेकर बात हो और जल्द ही समाधान निकले, यह बेहद जरूरी है. इसके लिए कैट की तरफ से एक कमेटी का गठन किया गया है. इसके अध्यक्ष किसान नेता नरेश सिरोही को नियुक्त किया गया है. यह कमेटी हमारी समस्याओं को किसानों के बीच पहुंचाएगी और हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही व्यापारिक संगठनों की किसान नेताओं के साथ एक बैठक संभव होगी.