नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सुभाष प्लेस इलाके में गंगवार में हुए दोहरे हत्याकांड में शामिल आरोपी नीरज बवानिया गैंग के शूटर रघु उर्फ अमरजीत को हरियाणा के सोनीपत से गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच की डीसीपी सतीश कुमार ने रविवार को बताया की 24 अगस्त 2014 को राजधानी के पॉश इलाके सुभाष प्लेस में नीरज बवानिया गैंग और नीतू दाबोदिया के बीच हुए गैंगवार में दो लोगों की हत्या हुई थी.
अमरजीत अदालती कार्यवाही से हुआ था फरार: इस मामले में शूटर रघु उर्फ अमरजीत, प्रवेश मान, नवीन, नवीन सहरावत, प्रदीप उर्फ किट्टी, पंकज, मोनू, अशोक और सनी को उक्त घटना में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. नीरज बवानिया गैंग के गिरफ्तार शूटरों में से एक रघु उर्फ अमरजीत अदालती कार्यवाही से बच निकला और उसे ‘पीओ’घोषित कर दिया गया था.
अमरजीत के सोनीपत, हरियाणा में देखे जाने की सूचना: डीसीपी ने बताया की वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार दिल्ली/एनसीआर में सक्रिय गिरोहों के सदस्यों, विशेषकर शूटरों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही थी. एचसी प्रवीण बालियान और एचसी राज आर्यन को विश्वसनीय सूचना मिली कि कुख्यात नीरज बवानिया गिरोह का सक्रिय शूटर रघु उर्फ अमरजीत, जो पीएस सुभाष प्लेस के दोहरे हत्याकांड गैंगवार शूटआउट मामले में अदालती कार्यवाही से फरार है, उसे सोनीपत, हरियाणा में देखा गया है.
पकड़ने के लिए बिछाया गया था जाल: सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए, एसीपी नरेंद्र बेनीवाल की करीबी निगरानी में इंस्पेक्टर संदीप स्वामी के नेतृत्व में एसआई प्रदीप दहिया, एसआई पंकज सरोहा, एसआई सुखविंदर, एएसआई सुनील, एएसआई अनिल, एचसी सुमित, एचसी नितिन, एचसी राज आर्यन और एचसी परवीन बाल्यान की एक टीम का गठन किया. टीम ने गांव हसनपुर, सोनीपत में वाइन शॉप के पास जाल बिछाया और आरोपी रघु उर्फ अमरजीत को पकड़ लिया. लगातार पूछताछ के दौरान, उसने वर्तमान मामले और , सोनीपत के कई अन्य मामलों में अपनी संलिप्तता कबूल की. और इस प्रकार उसे 41.1 सी सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार किया गया और संबंधित अदालत में पेश किया गया.
2009 में पहली हत्या: पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की और अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक किसान के रूप में काम करना शुरू कर दिया. वर्ष 2009 में, उसने अपने पैतृक गांव यानी हसनपुर में पुरानी दुश्मनी के कारण अपनी पहली हत्या की. उसे गिरफ्तार कर सोनीपत जेल में रखा गया, जहाँ उसकी मुलाकात नवीन उर्फ बाली और नीरज बवानिया गैंग के अन्य सदस्यों से हुई. और उसने उनसे हाथ मिला लिया. वह 2013 में जेल से बाहर आने का बाद नीरज बवानिया गैंग के प्रसिद्ध गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर कई हत्याओं, हत्या के प्रयास, डकैती, कार जैकिंग, चोरी, आर्म्स एक्ट आदि में शामिल रहा. और अभी भी एक सक्रिय गैंगस्टर है.
कुख्यात प्रिंस तेवतिया गैंग के दो बदमाश गिरफ्तार
वहीं दोसरी ओर दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने कुख्यात प्रिंस तेवतिया गैंग के दो बदमाशों को संगम विहार और मदनगीर इलाके से गिरफ्तार किया है. क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय सेन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान सौरभ उर्फ यीशु और अमन उर्फ योगी के तौर पर हूई है. डीसी पी ले बताया कि पुलिस की टीमें आपराधिक गिरोहों के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास कर रही हैं. इसी कड़ी में क्राइम ब्रांच की एसआर टीम प्रिंस तेवतिया गैंग के खिलाफ काम कर रही थी. हालांकि प्रिंस तेवतिया की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके गिरोह के कुछ सदस्य सशस्त्र डकैती, जबरन वसूली और कार चोरी सहित कई हिंसक अपराधों में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए थे.
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