नयी दिल्ली : सरकारी दूरसंचार कम्पनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लगभग 75,000 कर्मचारी अब तक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का विकल्प चुन चुके हैं. कम्पनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी. के. पुरवार ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
कम्पनी की वीआरएस योजना को चुनने के लिए करीब एक लाख कर्मचारी योग्य हैं. जबकि कम्पनी के कुल कर्मचारियों की संख्या करीब डेढ़ लाख है.
दरअसल, कम्पनी ने आंतरिक तौर पर लक्ष्य रखा है कि करीब 77,000 कर्मचारी इस विकल्प का चुनाव करेंगे. मौजूदा योजना के तहत वीआरएस लेने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2020 निर्थारित की गयी है.
बता दें कि स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना (वीआरएस) कर्मचारियों की मौजूदा संख्या में समग्र कमी की व्यवस्था करने के लिए सर्वाधिक मानवीय तकनीक है.
यह तकनीक कम्पनियों द्वारा औद्योगिक इकाई में नियोजित कार्य बल में कमी लाने के लिए प्रयोग की जाती है.
पढ़ें - 1962 के युद्ध ने विश्व मंच पर भारत को काफी नुकसान पहुंचाया : जयशंकर
यह अधिक जनशक्ति को कम करने और संगठन के कार्य निष्पादन में सुधार लाने के लिए आम तौर पर प्रयोग में लायी जाती है. इस योजना को 'गोल्डन हैंडशेक' नाम से भी जाना जाता है.
बीएसएनल की मौजूदा वीआरएस स्कीम-2019 तीन दिसम्बर तक खुली रहेगी। बीएसएनएल को उम्मीद है कि यदि 70 से 80 हजार लोग वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो इससे वेतन मद में सात हजार करोड़ रुपये बचेंगे,