ETV Bharat / bharat

फिर खुल रही है कमलनाथ के खिलाफ 1984 की फाइल, जानें पूरा मामला

गृह मंत्रालय 1984 सिख दंगों के मामले को दोबारा खोलने जा रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर फिर से इस मामले में एसआईटी की जांच शुरू हो रही है. जाने पूरा मामला...

कमलनाथ (मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश)
author img

By

Published : Sep 9, 2019, 10:55 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:43 AM IST

नई दिल्ली: 1984 सिखों के खिलाफ हुए दंगों के मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर एसआईटी जांच की जाएगी. जानकारी के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के कथित निर्देश पर 1984 में सिख नरसंहार के दौरान गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में 2 सिखों की हत्या कर दी गई थी.

इस मामले में संसद मार्ग पुलिस थाने में एफआईआर नंबर 601/84 दर्ज किया गया था. लेकिन कमलनाथ का नाम शामिल नहीं किया गया था. पुलिस ने अन्य आरोपियों को तो आरोपित किया लेकिन बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें छोड़ दिया गया.

l
लेटर.

1984 के सिख नरसंहार के मामलों की जांच के लिए एनडीए सरकार द्वारा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. लेकिन मामलों की जांच या फिर से छानबीन नहीं हो पाई. क्योंकि जिन पर आरोप पत्र दायर किया गया था या आरोपियों को छुट्टी दे दी गई थी, उन पर जांच करने का आधिकार नहीं था.

l
लेटर.

24 दिसंबर 2018 को, डीएसजीएमसी के तत्कालीन महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा के प्रतिनिधित्व में एसआईटी को उन मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) से मांग की गई थी.

l
पत्र

9 अप्रैल 2019 को, गृह मंत्रालय ने सिरसा के प्रतिनिधित्व में की गई मांग अनुसार एसआईटी के अधिकार क्षेत्र के विषय में एक नई अधिसूचना जारी की. इस अधिसूचना में उन सभी मामलों की फिर से जांच करने की अनुमति दी गई.

l
पत्र

पढ़ें: 84 दंगा मामला: कमलनाथ की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, SIT दोबारा करेगी जांच

20 जून 2019 को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एसआईटी के चेयरमैन को एक पत्र सौंपा जिसमें 84 दंगा मामले में कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर 601/84 जांच को फिर से शुरू करने की मांग की गई.
एसआईटी ने 8 सितंबर 2019 को समाचार पत्रों में एक विज्ञापन जारी किया जिसमें जनता को एफआईआर संख्या 601/84 और 1984 के सिख नरसंहार से जुड़े कुछ अन्य मामलों को फिर से खोलने के विषय में जानकारी दी गई है.

नई दिल्ली: 1984 सिखों के खिलाफ हुए दंगों के मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर एसआईटी जांच की जाएगी. जानकारी के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के कथित निर्देश पर 1984 में सिख नरसंहार के दौरान गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में 2 सिखों की हत्या कर दी गई थी.

इस मामले में संसद मार्ग पुलिस थाने में एफआईआर नंबर 601/84 दर्ज किया गया था. लेकिन कमलनाथ का नाम शामिल नहीं किया गया था. पुलिस ने अन्य आरोपियों को तो आरोपित किया लेकिन बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें छोड़ दिया गया.

l
लेटर.

1984 के सिख नरसंहार के मामलों की जांच के लिए एनडीए सरकार द्वारा एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था. लेकिन मामलों की जांच या फिर से छानबीन नहीं हो पाई. क्योंकि जिन पर आरोप पत्र दायर किया गया था या आरोपियों को छुट्टी दे दी गई थी, उन पर जांच करने का आधिकार नहीं था.

l
लेटर.

24 दिसंबर 2018 को, डीएसजीएमसी के तत्कालीन महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा के प्रतिनिधित्व में एसआईटी को उन मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) से मांग की गई थी.

l
पत्र

9 अप्रैल 2019 को, गृह मंत्रालय ने सिरसा के प्रतिनिधित्व में की गई मांग अनुसार एसआईटी के अधिकार क्षेत्र के विषय में एक नई अधिसूचना जारी की. इस अधिसूचना में उन सभी मामलों की फिर से जांच करने की अनुमति दी गई.

l
पत्र

पढ़ें: 84 दंगा मामला: कमलनाथ की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, SIT दोबारा करेगी जांच

20 जून 2019 को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एसआईटी के चेयरमैन को एक पत्र सौंपा जिसमें 84 दंगा मामले में कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर 601/84 जांच को फिर से शुरू करने की मांग की गई.
एसआईटी ने 8 सितंबर 2019 को समाचार पत्रों में एक विज्ञापन जारी किया जिसमें जनता को एफआईआर संख्या 601/84 और 1984 के सिख नरसंहार से जुड़े कुछ अन्य मामलों को फिर से खोलने के विषय में जानकारी दी गई है.

Intro:Brief history Body:The brief history of Kamalnath case

2 Sikhs were killed at Gurudwara Rakabganj Sahib during 1984 Sikh genocide at the alleged directions of Kamalnath, Senior Congress leader.
        An FIR No. 601/84 was registered at Parliament Street Police Station but name of Kamalanth was not included in the FIR. Police charge sheeted the  other accused but they were later discharged due to lack of evidence.
        A Special Investigation Team (SIT) was constituted by the NDA government to investigate cases of 1984 Sikh Genocide  but it had no power to investigate or re investigate those cases where the charge sheet had been filed  or the accused have been discharged.
On 24th December 2018, Manjinder Singh Sirsa the then General Secretary of the DSGMC submitted a representation to Ministry of Home Affairs (MHA) to authorize the SIT to  re- investigate cases which where the charge sheet was filed or where the accused were discharged by the courts.
On 9th April 2019, MHA issued a new notification regarding jurisdiction of SIT and allowed it to re- investigate all those cases as was  demanded in the representation of Mr. Sirsa.
On 20th June 2019 Manjinder Singh Sirsa President of the DSGMC submitted a representation to Chairman SIT and demanded reopening of FIR NO. 601/84 and to further re-investigate the role of Kamalanth in the case keeping in view the fresh notification issued by the MHA.
Now the SIT has reopened the case on dated 19th August 2019. The SIT has issued an advertisement on 8th September 2019 in newspapers informing the public on reopening of the case no 601/84 PS Parliament Street and some other cases related with the 1984 Sikh Genocide. It has asked the public to furnish information related with the case NO. 601/84 and other cases.Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 1:43 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.