अरियालुर : तमिलनाडु में पिछली बार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा पास करने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं ले सके 19 वर्षीय किशोर ने बुधवार को आत्महत्या कर ली. वह इस बार परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार करना चाहता था. पुलिस ने यह जानकारी दी.
मृतक की पहचान विग्नेश के रूप में हुई है. उसका शव यहां एक गांव के निकट कुएं में तैरता हुआ मिला.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किशोर 13 सितंबर को होने वाली नीट की परीक्षा को लेकर कुछ समय से तनाव में था.
उन्होंने कहा, 'उसने इससे पहले परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन इस बार अंकों में सुधार करने को लेकर तनाव में था. '
इस घटना के बाद तमिलनाडु के राजनीतिक दलों ने एक बार फिर परीक्षा को खत्म करने की मांग की.
पढ़ें : नीट-जेईई पर बोले ओवैसी- पीएम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के लिए किया मजबूर
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने नीट आवेदक की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि इस परीक्षा के चलते एक और जान चली गई.
उन्होंने छात्रों से साहस के साथ जीवन जीने और आत्महत्या की प्रवृत्ति त्यागने की अपील करते हुए कहा, 'बेरहम केंद्र सरकार नीट को कब खत्म करेगी. और कितनी जानें जाएंगी? '
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक समेत कई राजनीतिक दल इस आधार पर नीट का विरोध करते हैं कि यह सामाजिक न्याय, पिछले तबकों और ग्रामीण छात्रों के हितों को खिलाफ है, जो कोचिंग कक्षाओं का खर्च नहीं उठा सकते.