मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेईई मेन और नीट 2020 परीक्षाओं को स्थगित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका उन उम्मीदवारों के एक समूह द्वारा दायर की गई थी, जो राज्य में मौजूदा बाढ़ की स्थिति के कारण परीक्षा को स्थगित करने के रूप में राहत की मांग कर रहे थे.
सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि कुछ छात्र ऐसे हो सकते हैं, जिन्हें बाढ़ की स्थिति के कारण अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा होगा. ऐसे छात्रों को परीक्षा प्राधिकरण यानी एनटीए से संपर्क करने के लिए कहा गया जिससे वे फिर से परीक्षा देने का विकल्प चुन सकें.
दलील में कहा गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले छात्र मौजूदा स्थिति के कारण अपने संबंधित परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंच पाएंगे. हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने इस याचिका को खारिज कर दिया है और राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने की अनुमति दे दी है.
मामले की सुनवाई जस्टिस आर के देशपांडे और पुष्पा गानेदीवाला की अध्यक्षता में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने की. खंडपीठ ने राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों के छात्रों को छोड़ी राहत दी है. पीठ ने कहा कि बाढ़ के कारण कई जिलों में स्थिति गंभीर है. इसमें छात्रों की कोई गलती नहीं है. इससे उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.
अदालत ने कहा कि जो लोग बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में हैं और परीक्षा केंद्रों तक नहीं पहुंच सकते वे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) से संपर्क कर सकते हैं. पीठ ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को भी ऐसे आवेदनों पर विचार करने के निर्देश दिए हैं.
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छात्रों को जेईई मेन और नीट 2020 परीक्षा के लिए पुन: परीक्षा हेतु एनटीए में अपने केंद्र सह-समन्वयक के माध्यम से एक औपचारिक आवेदन देना होगा. आवेदन प्राप्त करने के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) फिर से परीक्षा आयोजित करने के बारे में 15 दिनों की अवधि के भीतर संबंधित जिला कलेक्टर से परामर्श करके अंतिम निर्णय लेगी.