वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी. लगभग ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद सरकार ने अनलॉक वन की घोषणा की, जिसमें दुकानें खोलने की अनुमति दी गई, जिससे लोगों का जीवन पटरी पर आ सके. वहीं, 23 जून से गंगा में नौकायन शुरू हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही बनारस के घाटों की रौनक भी वापस लौट आएगी.
वाराणसी का नाविक समाज लॉकडाउन खत्म होने के बाद अनलॉक-1 की शुरुआत से ही नौकायन की इजाजत मांग रहा था. वाराणसी के नाविक समाज के ऊपर रोजी-रोटी का संकट मंडरा रहा था, जिसे लेकर जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वाराणसी के नाव संचालकों को नाव चलाने की अनुमति दे दी. इससे मांझी समाज काफी खुश नजर आ रहा है.
नाविकों की डीएम ने दी हिदायत
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा पहले दशाश्वमेध घाट पहुंचे, जहां उन्होंने नाव पर बैठकर राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक घाटों की स्थिति का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने नाव संचालित करने वाले नागरिकों से भी बातचीत की और उनका हाल जाना.
उन्होंने नागरिकों को हिदायत भी दी कि कोई भी मानक के विपरीत नाव संचालित नहीं करेगा. उन्होंने सभी से कहा कि सभी लोग मानक व शर्तों का पालन करते हुए नाव का संचालन करेंगे, जिससे इस आपदा में कोई भी प्रभावित न हो सके.
नाविक को दिए 2000 रुपये
नौका विहार करने के बाद जिलाधिकारी ने नौका संचालित कर रहे नाविक शंभू साहनी को दो हजार रुपये दिए, लेकिन नाविक ने उन्हें बताया कि साहब नौका विहार के मात्र 100 रुपये ही हुए, जिस पर जिलाधिकारी ने शंभू साहनी से कहा कि यह पैसे आप अपने पास रखो और घर जाते वक्त बच्चों के लिए कुछ तोहफे ले लेना.
नाविकों ने जिलाधिकारी की प्रशंसा की
जिलाधिकारी के इस प्रेमभाव को देखते हुए सभी नाविक मंत्रमुग्ध हो गए और उन्होंने अधिकारी की खूब प्रशंसा की. इस बाबत नाविक शंभू साहनी ने बताया कि हमें बेहद खुशी है कि हमें इतने उदार मन वाले जिलाधिकारी मिले हैं.
उन्होंने कहा कि वह हम सबकी मुसीबत को समझते हैं. आज उन्हीं की मदद की वजह से हम सब नाविक वापस नाव का संचालन कर अपनी रोजी-रोटी की व्यवस्था कर सकेंगे. यह हमारे लिए बेहद खुशी की बात है और हम इसके लिए जिलाधिकारी को तहे दिल से धन्यवाद भी देते हैं.