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अनुच्छेद 370 व CAB के बाद अब इन दो मुद्दों पर BJP की नजर, सुगबुगाहट शुरू! - समान नागरिक संहिता

भाजपा अपने कोर विषयों को धड़ाधड़ लागू कर रही है. सरकार निर्माण के कुछ ही महीनों के अंदर अधिकतर मुद्दे को कानूनी रूप दे चुकी है, लेकिन अब भी ऐसे विषय हैं, जिसपर भाजपा बहुत मजबूती से आगे बढ़ने की कोशिश करेगी. भाजपा के अंदरखाने कॉमन सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग उठ रही है और पार्टी का मानना है कि इसे जनता का भारी समर्थन मिलेगा. जानें विस्तार से भाजपा का आगामी योजना क्या है...

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मोदी-शाह (फाइल फोटो)
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Published : Dec 13, 2019, 12:00 AM IST

नई दिल्ली : अनुच्छेद 370, राम मंदिर और नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) जैसे अहम पड़ाव पार कर चुकी मोदी सरकार का अगला कदम हो सकता है जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) यानी सीसीसी को लागू करना.

सीएबी के संसद के दोनों सदनों में पास हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अंदरखाने इसकी चर्चा शुरू हो गई है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीते रविवार को सीएबी के मसले पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कुछ पार्टी नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक कर रहे थे. इस दौरान उनके सामने भी पार्टी के नेताओं ने कॉमन सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग उठाते हुए कहा कि इसे जनता का भारी समर्थन मिलेगा.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार संस्थान से कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने हर बड़े कदम की झलक पूर्व के भाषणों में दे चुके होते हैं, जो गौर से उनके भाषण सुनता है, उसे कुछ न कुछ संकेत मिल ही जाते हैं. प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में सफाई, कालाधन, प्लास्टिक थैलियों का उपयोग बंद करने जैसी बातें कीं तो बाद में उसको लेकर बड़े कदम उठे. याद करिए, 15 अगस्त को लाल किले से दिया उनका भाषण, जिसमें उन्होंने छोटा परिवार रखने को भी देशभक्ति से जोड़ा था.'

इसे भी पढे़ं- CAB : PM मोदी ने असम के लोगों को आश्वस्त किया, जानें विरोध के कारण

प्रधानमंत्री मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा था, 'तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर हमें आने वाली पीढ़ी के लिए सोचना होगा. सीमित परिवार से न सिर्फ खुद का, बल्कि देश का भी भला होने वाला है. जो सीमित परिवार के फायदे को लोगों को समझा रहे हैं, उन्हें आज सम्मानित करने की जरूरत है. छोटा परिवार रखने वाले देशभक्त की तरह हैं.'

सूत्रों का कहना है कि समान नागरिक संहिता चूंकि जनसंघ का एजेंडा रहा है, ऐसे में सरकार इस पर भी आगे विधेयक ला सकती है. पार्टी के कई नेता पूर्व में यह मांग उठाते रहे हैं. हालांकि इस मसले पर कुछ याचिकाएं कोर्ट में भी चल रहीं हैं.

इसे भी पढे़ं- CAB पारित होना साहसिक कदम, सभी को इसका स्वागत करना चाहिए : RSS

सूत्रों का कहना है कि कोर्ट में याचिकाओं के होने पर भी फर्क नहीं पड़ेगा. सरकार चाहेगी तो अनुच्छेद 370 की तरह आगामी सत्रों में इस पर भी विधेयक ला सकती है. अनुच्छेद 370 का मामला भी कोर्ट में चल रहा था, मगर सरकार ने संसद के जरिए इसे हटाने का फैसला किया था. समान नागरिक संहिता बनने पर सभी धर्मो के लिए एक ही कानून होगा. शादी, तलाक, जमीन-जायदाद के बंटवारे पर एक ही नियम सभी धर्मो के लोगों पर लागू होगा.

नई दिल्ली : अनुच्छेद 370, राम मंदिर और नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) जैसे अहम पड़ाव पार कर चुकी मोदी सरकार का अगला कदम हो सकता है जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) यानी सीसीसी को लागू करना.

सीएबी के संसद के दोनों सदनों में पास हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अंदरखाने इसकी चर्चा शुरू हो गई है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीते रविवार को सीएबी के मसले पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह कुछ पार्टी नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक कर रहे थे. इस दौरान उनके सामने भी पार्टी के नेताओं ने कॉमन सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग उठाते हुए कहा कि इसे जनता का भारी समर्थन मिलेगा.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने समाचार संस्थान से कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अपने हर बड़े कदम की झलक पूर्व के भाषणों में दे चुके होते हैं, जो गौर से उनके भाषण सुनता है, उसे कुछ न कुछ संकेत मिल ही जाते हैं. प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में सफाई, कालाधन, प्लास्टिक थैलियों का उपयोग बंद करने जैसी बातें कीं तो बाद में उसको लेकर बड़े कदम उठे. याद करिए, 15 अगस्त को लाल किले से दिया उनका भाषण, जिसमें उन्होंने छोटा परिवार रखने को भी देशभक्ति से जोड़ा था.'

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प्रधानमंत्री मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा था, 'तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर हमें आने वाली पीढ़ी के लिए सोचना होगा. सीमित परिवार से न सिर्फ खुद का, बल्कि देश का भी भला होने वाला है. जो सीमित परिवार के फायदे को लोगों को समझा रहे हैं, उन्हें आज सम्मानित करने की जरूरत है. छोटा परिवार रखने वाले देशभक्त की तरह हैं.'

सूत्रों का कहना है कि समान नागरिक संहिता चूंकि जनसंघ का एजेंडा रहा है, ऐसे में सरकार इस पर भी आगे विधेयक ला सकती है. पार्टी के कई नेता पूर्व में यह मांग उठाते रहे हैं. हालांकि इस मसले पर कुछ याचिकाएं कोर्ट में भी चल रहीं हैं.

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सूत्रों का कहना है कि कोर्ट में याचिकाओं के होने पर भी फर्क नहीं पड़ेगा. सरकार चाहेगी तो अनुच्छेद 370 की तरह आगामी सत्रों में इस पर भी विधेयक ला सकती है. अनुच्छेद 370 का मामला भी कोर्ट में चल रहा था, मगर सरकार ने संसद के जरिए इसे हटाने का फैसला किया था. समान नागरिक संहिता बनने पर सभी धर्मो के लिए एक ही कानून होगा. शादी, तलाक, जमीन-जायदाद के बंटवारे पर एक ही नियम सभी धर्मो के लोगों पर लागू होगा.

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