नई दिल्ली : पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने कहा कि प्रदर्शन अच्छी दिशा में जाता दिखाई दे रहा है. इसके साथ ही उन्होने कहा कि जब भाजपा सरकार असम में फंस गई तब जाकर सीएए लेकर आई.
उन्होंने कहा कि असम के लोग चाहते थे कि जो भी राज्य में बाहर से आए उन्हें नागरिकता न दी जाए. चाहे वह जिस धर्म के नागरिक हो.
भाजपा सरकार इस चक्कर में फंस गई कि जो 20 लाख एनआरसी से बाहर हुए उनमें लगभग 14 लाख हिंदू है और मुस्लिम है. जो सरकार अपने आप को हिंदूवादी बताती है वो कैसे इन लोगों को बाहर कर दें.
असम के लोगों की लड़ाई थी कि इन सभी लोगों को बाहर किया जाए लेकिन जो सरकार पूरी तरह से संप्रदायिक है वह कैसे हिंदूओं को नागरिकता न दें. इसी चक्कर में सीएए लाए थे और उसे धर्म का नाम दिया था. इसी में वह फंस गए.
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जादवपुर विश्वविद्यालय में राज्यपाल जगदीप धनकड़ का गत सोमवार विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस पर उन्होंने कहा कि जब राज्यपाल अपने कार्यो को भूलकर काम करेंगे तो उसके खिलाफ जरूर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
जब उनसे पूछा गया कि क्या ममता बनर्जी के बहकावे पर राज्यपाल को काला झंडा दिखाया गया तो उन्होंने कहा कि जादवपुर विश्वविद्यालय में पढ़ें लिखे छात्र है वह किसी राजनीतिक नेता के बहकावे में क्यों आएंगे.
सरकार कहना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मेरठ में राजनीति का जायजा लेने वहां गए हैं. तो उन्होंने कहा कि जब इस देश में सरकार के बर्बरता के कारण मौत होती है तो हर राजनेता का कर्तव्य है किसी उसे वहां पर जाना चाहिए. यदि मानवीय भवनाओं को राजनीति से जोड़ रहे हैं तो आपको शर्म आनी चाहिए.