नई दिल्ली : भारत के मानचित्र पर धीरे-धीरे घटते आधार से घबराई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजर अब दिल्ली विधानसभा चुनाव पर है. इसे लेकर दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली ही नहीं, बल्कि केंद्रीय नेताओं को भी लगातार सक्रिय रहने का आदेश अंदरखाने से दिया है.
हाल-फिलहाल भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) पानी की गुणवत्ता जांच को लेकर आमने-सामने हैं. पानी का सैंपल फेल होने पर 'आप' ने केंद्र सरकार के ऊपर ठीकरा फोड़ा था. अब यह सियासी रंग ले चुका है.
दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह का इस मसले पर कहना है कि दिल्ली की जनता का केजरीवाल से भरोसा उठ गया है, अब उनका पानी के सैंपल पर भरोसा नहीं करने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
आरपी सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में केजरीवाल को सीधे तौर पर निशाना बनाया और कहा कि पानी की पाइप लाइन व सीवर लाइन को ठीक करने के जितने भी पैसे दिए गए थे, दिल्ली सरकार ने कहीं इस्तेमाल नहीं किया, जिस कारण पानी में गंदगी फैल गई है.
भाजपा नेता ने कहा, 'दिल्ली में दूषित जलापूर्ति के वीडियो सामने आ रहे हैं, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिल्ली वालों को हवा और न ही पानी शुद्ध मिल रहा है.'
बकौल आरपी सिंह, 'देश की राजधानी दिल्ली में केजरीवाल की सरकार को यह तनिक भी चिंता नहीं है कि लोग किस तरह से जूझ रहे हैं. प्रदूषण पर तो वह केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही है, लेकिन अब जल को लेकर भी वह केंद्र के मंत्रालय को सीधे-सीधे चुनौती दे रही है.'
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उन्होंने कहा कि 5 वर्ष मात्र बयानबाजी से यह सरकार चलती रही. इसका खामियाजा दिल्ली की आम जनता भुगत रही है, जिसे शुद्ध पानी भी पीने को नहीं मिल रहा है.
दरअसल भाजपा के आलाकमान और वरिष्ठ नेताओं को यह अहसास हो गया है कि राज्यों में चुनाव केंद्र की उपलब्धियों पर नहीं लड़ा जा सकता. सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व ने अपने नेताओं को यह निर्देश दिया है कि जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां से जुड़े बुनियादी मसले उठाए जाएं.
इसी को ध्यान में रखकर दिल्ली में जहरीले पानी का मुद्दा भाजपा जोर-शोर से उछाल रही है. दिल्ली में भाजपा ने इस मुद्दे पर दिल्ली के सीएम केजरीवाल को कटघरे में खड़ा करते हुए पोस्टर लगाए हैं, साथ ही इस पर हेल्पलाइन नंबर भी तैयार किया है.