ETV Bharat / bharat

तीन तलाक पर जेडीयू की अलग राय, बीजेपी को भरोसा, इस सत्र में पास होगा बिल

मोदी सरकार की तीन तलाक की राह काफी मुश्किल होती जा रही है. सरकार को इस बीच कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है. राज्यसभा में अभी भी भाजपा के लिए बहुमत दिखता नजर नहीं आ रहा है. इसी बीच जेडीयू ने भी तीन तलाक पर अपना रुख साफ कर दिया है. बीजेपी ने जेडीयू के रुख पर प्रतिक्रिया दी, जानें क्या कहा गया बीजेपी की तरफ से.....

भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन
author img

By

Published : Jun 15, 2019, 10:20 PM IST

नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार इस सेशन में लाने को भले ही कटिबद्ध है. मगर अब ना तो सिर्फ विरोधी पार्टियां बल्कि सरकार की अपनी ही अलायंस पार्टी जेडीयू भी अब ट्रिपल तलाक बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध में है.

आपको बता दें कि भाजपा के सहयोगी दल जेडीयू ने 'तीन तलाक' विधेयक का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा है कि बगैर व्यापक परामर्श के मुसलमानों पर कोई भी विचार नहीं थोपा जाना चाहिए.

पिछले 3 दिन पहले ही सरकार ने कैबिनेट में इस बिल को दोबारा लाकर यह साफ कर दिया गया है कि इस बार वह राज्यसभा से इस बिल को पारित करा लेगी लेकिन बावजूद राज्य सभा में अभी भी भाजपा को बहुमत नहीं मिला है और वही भाजपा की अलायंस पार्टी जेडीयू तक इस बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध कर रही है.

ईटीवी भारत से भारत से बात करते हुए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन

पढ़ें: तो क्या मनमोहन बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष ?

ऐसे में देखना यह होगा कि क्या केंद्र को ट्रिपल तलाक बिल को पारित कराना संभव हो पाएगा ?

ईटीवी भारत से भारत से बात करते हुए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सरकार ट्रिपल तलाक बिल पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है और पूरी उम्मीद है कि इसी सेशन में ट्रिपल तलाक बिल को पारित करा लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मींद है जेडीयू भी इसमें साथ देगा क्योंकि यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकार का सवाल है.

जेडीयू की आपत्ति ट्रिपल तलाक बिल में किए गए प्रावधानों पर है जिसमें पति को कड़ी सजा मिलने जैसा प्रावधान है इस बात को लेकर कुछ पार्टियां लगातार विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि अगर पति को ही जेल हो जाएगी तो ऐसे में फिर हर्जाना कौन देगा.

पढ़ें: तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिला, आज होगी सुनवाई

संसद सत्र में सरकार ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा से पारित कराने के लिए कटिबद्ध है और सरकार बार-बार यह दावे कर रही है कि इसी संसद सत्र में वह ट्रिपल तलाक बिल को कानून में परिवर्तित कर देगी लेकिन राज्यसभा में अभी भी भाजपा के लिए बहुमत दिखता नजर नहीं आ रहा है.

नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार इस सेशन में लाने को भले ही कटिबद्ध है. मगर अब ना तो सिर्फ विरोधी पार्टियां बल्कि सरकार की अपनी ही अलायंस पार्टी जेडीयू भी अब ट्रिपल तलाक बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध में है.

आपको बता दें कि भाजपा के सहयोगी दल जेडीयू ने 'तीन तलाक' विधेयक का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा है कि बगैर व्यापक परामर्श के मुसलमानों पर कोई भी विचार नहीं थोपा जाना चाहिए.

पिछले 3 दिन पहले ही सरकार ने कैबिनेट में इस बिल को दोबारा लाकर यह साफ कर दिया गया है कि इस बार वह राज्यसभा से इस बिल को पारित करा लेगी लेकिन बावजूद राज्य सभा में अभी भी भाजपा को बहुमत नहीं मिला है और वही भाजपा की अलायंस पार्टी जेडीयू तक इस बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध कर रही है.

ईटीवी भारत से भारत से बात करते हुए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन

पढ़ें: तो क्या मनमोहन बनेंगे कांग्रेस अध्यक्ष ?

ऐसे में देखना यह होगा कि क्या केंद्र को ट्रिपल तलाक बिल को पारित कराना संभव हो पाएगा ?

ईटीवी भारत से भारत से बात करते हुए भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सरकार ट्रिपल तलाक बिल पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है और पूरी उम्मीद है कि इसी सेशन में ट्रिपल तलाक बिल को पारित करा लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मींद है जेडीयू भी इसमें साथ देगा क्योंकि यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकार का सवाल है.

जेडीयू की आपत्ति ट्रिपल तलाक बिल में किए गए प्रावधानों पर है जिसमें पति को कड़ी सजा मिलने जैसा प्रावधान है इस बात को लेकर कुछ पार्टियां लगातार विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि अगर पति को ही जेल हो जाएगी तो ऐसे में फिर हर्जाना कौन देगा.

पढ़ें: तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची महिला, आज होगी सुनवाई

संसद सत्र में सरकार ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा से पारित कराने के लिए कटिबद्ध है और सरकार बार-बार यह दावे कर रही है कि इसी संसद सत्र में वह ट्रिपल तलाक बिल को कानून में परिवर्तित कर देगी लेकिन राज्यसभा में अभी भी भाजपा के लिए बहुमत दिखता नजर नहीं आ रहा है.

Intro: ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार इस सेशन में लाने को भले ही कटिबद्ध है मगर अब ना तो सिर्फ विरोधी पार्टियां बल्कि सरकार की अपनी ही अलायंस पार्टी जेडीयू भी अब ट्रिपल तलाक बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध में है ऐसे में पिछले 3 दिन पहले ही सरकार की तरफ से कैबिनेट में यह दो इस बिल को दोबारा लाकर यह साफ कर दिया गया है कि इस बार वह राज्यसभा से इस बिल को पारित करा लेगी लेकिन बावजूद राज्य सभा में अभी भी भाजपा को बहुमत नहीं है और वही भाजपा की अलायंस पार्टी जेडीयू तक इस बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर विरोध कर रही है ऐसे में केंद्र को ट्रिपल तलाक बिल को स्टेशन में पारित कराना संभव होगा


Body:उदयपुर जब हमने भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन की राय जानी चाहिए तो उन्होंने कहा कि सरकार ट्रिपल तलाक बिल पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है और पूरी उम्मीद है कि इसी सेशन में ट्रिपल तलाक बिल को पारित करा लिया जाएगा कांग्रेस लगातार ट्रिपल तलाक बिल का विरोध कर रही थी और इसका परिणाम उन्हें चुनाव परिणाम में भी देखने को मिला है और अब भाजपा ने अपील की है कि कांग्रेस को केंद्र की ट्रिपल तलाक बिल पर साथ देना चाहिए जेडीयू की आपत्ति ट्रिपल तलाक बिल में किए गए प्रावधानों पर है जिसमें पति को कड़ी सजा मिलने जैसा प्रावधान है इस बात को लेकर कुछ पार्टियां लगातार विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि अगर पति को ही जेल हो जाएगी तो ऐसे में फिर हर्जाना कौन देगा 3 साल के जेल का प्रावधान किया गया है यह प्रावधान उचित नहीं है वहीं कांग्रेस का भी यही कहना है कि 3 साल के जेल के प्रावधान को सरकार को इस बिल से बदलना चाहिए और उन्होंने कहा है कि पहले भी उन्होंने इस जेल के प्रावधान में संशोधन करने की अपील की थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसकी मनाही दे दी थी और अब ना शेर विरोधी पार्टियां बल्कि केंद्र में सहयोगी पार्टी जेडीयू भी इस प्रावधान का विरोध कर रही है ऐसे में अगर सरकार इस प्रावधान को नहीं बदलती है तो ट्रिपल तलाक में वह सरकार का साथ नहीं


Conclusion: Walkthrough Anamika Ratna
संसद सत्र में सरकार ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा से पारित कराने के लिए कटिबद्ध है और सरकार बार-बार यह दावे कर रही है कि इसी संसद सत्र में वह ट्रिपल तलाक बिल को कानून में परिवर्तित कर देगी लेकिन राज्यसभा में अभी भी भाजपा के लिए बहुमत दिखता नजर नहीं आ रहा है ऐसे में जेडीयू का भी विरोध सरकार अंदर खाने सभी पार्टियों से बातचीत कर रही है लेकिन देखना यह होगा कि क्या संसद सत्र में उन्हें प्रावधानों के साथ सरकार बिल पारित करा सकती है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.