नई दिल्ली/मुंबई : भारतीय जनता पार्टी विधायक कालीदास कोलंबकर प्रोटेम स्पीकर चुने गए हैं. उन्हें भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई. प्रोटेम स्पीकर ही सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे. राज्यपाल ने कल सुबह 8 बजे विधानसभा सत्र बुलाया है. कल महाराष्ट्र में विधानसभा का विशेष सत्र चलेगा.
आपको बता दें, सदन के वरिष्ठतम सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है. कालीदास कोलंबकर ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ लेने के बाद मीडिया से बातचीत की.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक महीने से चल रहे राजनीतिक ड्रामे में आज नया मोड़ आ गया, जब भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. फडणवीस का इस्तीफा उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले आया है.
इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनके पास बहुमत नहीं रह गया था.
इस बीच भाजपा विधायक कालीदास कोलाम्बकर को महाराष्ट्र विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है. राजभवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, 'फडणवीस ने राज्यपाल से भेंट की और अपना इस्तीफा सौंपा.'
इससे पहले फडणवीस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अजित पवार के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उनके पास संख्या बल नहीं रह गया है और वह राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौपेंगे.
अजित पवार ने पिछले सप्ताह ही भाजपा के खेमे में आकर शनिवार सुबह फडणवीस के साथ शपथ ली थी. फडणवीस ने कहा कि सुबह अजित पवार उनसे मिले थे और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था.
फडणवीस ने शिवसेना पर आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित थी और इसके लिए पार्टी से 'हिंदुत्व' के एजेंडे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चरणों में रख दिया. उन्होंने कहा, 'राकांपा के अजित पवार ने हमारा सहयोग करने का फैसला किया था. इस चर्चा के अनुसार हमने सरकार बनाई.'
उन्होंने आगे कहा, 'आज अजित पवार मुझसे मिले और कहा कि वह कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते गठबंधन में आगे नहीं रह सकते. उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए हमारे पास भी बहुमत नहीं है.'
उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें महसूस हुआ कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होना चाहते इसलिये यह फैसला किया.
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फडणवीस के इस्तीफे का स्वागत करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अनुरोध किया कि वह फडणवीस का इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के नेता उद्धव ठाकरे को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करें.
वरिष्ठ भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने अजित पवार के इस्तीफे को 'इज्जत बचाने की कवायद' करार दिया. खडसे ने संवाददाताओं से कहा, 'अजित पवार द्वारा उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना इज्जत बचाने की कोशिश है. अगर वह कल महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण तक इंतजार करते तो उनके लिए अधिक शर्मिंदगी भरा होता.'
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा और शिवसेना के बीच कोई समाधान निकल आता, तो यह महाराष्ट्र के लिए बेहतर होता. इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा था कि अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
राउत ने कहा, 'अजित दादा ने इस्तीफा दे दिया है और अब वह हमारे साथ हैं. उद्धव ठाकरे अब अगले पांच वर्ष तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे.'
महाराष्ट्र में गत शनिवार सुबह आठ बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां राजभवन में फडणवीस और पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी.
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसके बाद आज मंगलवार को न्यायालय ने फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को बुधवार पांच बजे तक शक्ति प्रदर्शन करने का निर्देश दिया था.
इस बीच, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 162 विधायकों का समर्थन है और ऐसे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पद से इस्तीफा देना चाहिए.
उन्होंने दावा किया कि शक्ति परीक्षण के दौरान शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महा विकास आघाडी के पास 170 विधायकों का समर्थन होगा.