लखनऊः गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के साथ अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने का मामला मंगलवार को विधानसभा में उठा. नंदकिशोर गुर्जर विधानसभा में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन वह नहीं रख सके. इससे नाराज होकर वह 169 विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए .
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के आश्वासन पर विधायकों ने धरना समाप्त कर दिया है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर आश्वासन के अनुसार कार्य नहीं हुआ तो फिर से धरने पर बैठेंगे.
प्रदर्शन कर रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आज सरकार और पीठ दोनों हद से बाहर निकल गए. उत्तर प्रदेश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ कि विधायक की बात न सुनी जाए.
चौधरी ने कहा कि विधायकों द्वारा यह तय किया गया था कि वह शाम 5:00 बजे तक धरने पर बैठेंगे और सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो कल फिर धरने पर बैठा जाएगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश की किसी भी असेंबली में इस प्रकार का नजारा देखने को नहीं मिला था.
सपा नेता ने कहा कि 1977 में भी हमने ऐसा ही मामला उठाया था और उस वक्त मुख्यमंत्री को आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ी थी. आज बीजेपी के 169 विधायकों ने सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर किए हैं. इसलिए यह सरकार अल्पमत में है. अब उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. अगर योगी जी में थोड़ी भी नैतिकता होगी तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
रामगोविंद चौधरी ने बताया कि सत्ता पक्ष के विधायकों से उन्हें जानकारी मिली है कि सरकार की तरफ से विधायकों को आश्वासन दिया गया है कि संबंधित जिला अधिकारी कप्तान व अन्य अधिकारियों को कल सदन में तलब किया जाएगा. लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो विधायक फिर से सदन में धरने पर बैठेंगे.
वहीं इस पूरे प्रकरण पर बीजेपी के एक विधायक का कहना है कि उन लोगों का गुस्सा सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि अधिकारियों के खिलाफ है. इसलिए वह सभी यह चाहते हैं कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करे ताकि यह नजीर बने और आगे फिर कोई अधिकरी किसी जनप्रतिनिधि के साथ ऐसे व्यवहार न करें.
सदन बुधवार 11 बजे तक स्थगित
- गाजियाबाद से भाजपा विधायक नंदकिशोल गुर्जर से अधिकारियों के दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था.
- अधिकारियों के इस दुर्व्यवहार के मामले को विधानसभा में उठाया गया.
- विधायक जब अपनी बात रखने के लिए सदन में खड़े हुए तो उन्हें रोकने की कोशिश की गई.
- वहीं विपक्ष भाजपा विधायक के साथ खड़ा हो गया.
- विरोध बढ़ता देख सदन को बुधवार 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
- सदन स्थगित होने के बाद बीजेपी के विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए.
- उनके साथ में विपक्ष के विधायक भी धरने पर बैठ गए.
- विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक को आश्वासन दिलाया है कि किसी भी विधायक के विशेषाधिकार का हनन नहीं होगा.
- अध्यक्ष के आश्वासन पर विधायक ने धरना समाप्त कर दिया.
इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सदन स्थगित होने बाद मुझे सूचना मिली कि कुछ सदस्य सदन में ही बैठे हैं. मैंने उन्हें अपने कक्ष में बुलावा भेजा. बात हुई तो पता चला कि विधायक के विशेषाधिकार का मामला है, लेकिन हमें किसी ने किसी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखित शिकायत नहीं दी है, लेकिन मैंने विधायकों को आश्वस्त किया है कि उनके विषेशाधिकार का हनन नहीं होने दिया जाएगा.