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भारत-चीन विवाद: राकेश सिन्हा बोले, ईंट का जवाब पत्थर से देगा भारत

भारत-चीन विवाद को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने ईटीवी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत चीन को उन्हीं के शब्दों में जवाब देगा. भारत को ईंट का जवाब पत्थर से देना आता है.

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Published : Jun 17, 2020, 7:40 PM IST

india china conflict
भारत-चीन विवाद

नई दिल्ली : बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने एलएसी पर चीन से झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी है. ईटीवी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एक-एक हिंदुस्तानी सैनिक के खून की बूंद का बदला लेंगे. चीन को यह समझना चाहिए कि यह नेहरू और कांग्रेस का भारत नहीं है, यह 2020 का मोदी का भारत है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में चीन हमेशा भारत पर दबाव बनाता रहा और भारत की तरफ से कुछ नहीं किया जाता था और इसी के कारण चीन का मनोबल बढ़ता गया, लेकिन अब चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, जिस तरह चीन ने भारतीय सेना के पीठ पर वार किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, इस घटना से पूरी दुनिया में साबित हो गया कि चीन सबसे अविश्वसनीय राष्ट्र है.

भारत-चीन विवाद पर राकेश सिन्हा

राकेश सिन्हा ने कहा, '1962 के बाद से सीमा पर जो हमारी आधारभूत संरचना थी वह अविकसित थी, 2014 के बाद से जिस तरह से नरेंद्र मोदी की सरकार ने चीन के समानांतर रोड, पोल, हवाई पट्टी मतलब जिस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है उससे चीन बौखला गया है, उसी के कारण चीन उत्तेजना पूर्वक कार्रवाई कर रहा है.'

उन्होंने कहा कि चीन से बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझाया जा सकता है, भारतीय सरकार और भारतीय सेना युद्ध वाली गतिविधियों में नहीं जाना चाहती है लेकिन चीन इस तरह की हरकत करता रहा तो भारत चीन की हरकतों का जवाब उसी के शब्द में देगा, भारत को ईट का जवाब पत्थर से देना आता है.

पढ़ें :- भारत-चीन तनाव : तस्वीर ने खोली चीन की पोल, प्रायोजित थी हिंसा

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत में तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी गई है, तीनों सेना अलर्ट पर हैं. इस पर राकेश सिन्हा ने कहा, 'हम लोग शांति की बात करते हैं, अभी सीमा पर विवाद चल रहा है लेकिन हजारों भारतीय मजदूर सीमा पर आधारभूत संरचना को विकसित कर रहे हैं लेकिन चीन जैसी हरकत करेगा वैसा ही जवाब भारत देगा.'

चीन विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है कि गलवान घाटी क्षेत्र चीन का हिस्सा है, इस बार भारतीय सेना ने सीमा पार की है, जिसको लेकर राकेश सिन्हा ने कहा कि चीन ने 1962 में भी कहा था कि युद्ध भारत ने शुरू किया है, भारत में चीन समर्थकों की एक टोली है जो चीन का समर्थन करती है. चीन के किसी दावे को हम लोग नहीं मानते हैं, भारत ने पूरी दुनिया में अपनी साख कायम की है. नरेंद्र मोदी की भूमिका अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सबसे प्रबल है और पूरी दुनिया में चीन अलग-थलग पड़ चुका है.

पढ़ें :- कोई भ्रम न पाले, उकसावे का हर हाल में देंगे जवाब : पीएम मोदी

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून को चीन विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है, लेकिन विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि चीन विवाद पर पीएम मोदी चुप्पी साधे हुए हैं. इसके लेकर राकेश सिन्हा ने कहा कि चीन से विवाद पर भारत के विपक्षी दल जिस तरह से राजनीति कर रहे हैं वह दुखद है. पाकिस्तान या चीन के साथ जब भी विवाद होता है, तब विपक्षी दल भारत का समर्थन नहीं करता, हमारे देश के विपक्षी दल सरकार, सेना, देश को हतोत्साहित करने का काम करते हैं.

नई दिल्ली : बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने एलएसी पर चीन से झड़प में शहीद हुए भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी है. ईटीवी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एक-एक हिंदुस्तानी सैनिक के खून की बूंद का बदला लेंगे. चीन को यह समझना चाहिए कि यह नेहरू और कांग्रेस का भारत नहीं है, यह 2020 का मोदी का भारत है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में चीन हमेशा भारत पर दबाव बनाता रहा और भारत की तरफ से कुछ नहीं किया जाता था और इसी के कारण चीन का मनोबल बढ़ता गया, लेकिन अब चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है, जिस तरह चीन ने भारतीय सेना के पीठ पर वार किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, इस घटना से पूरी दुनिया में साबित हो गया कि चीन सबसे अविश्वसनीय राष्ट्र है.

भारत-चीन विवाद पर राकेश सिन्हा

राकेश सिन्हा ने कहा, '1962 के बाद से सीमा पर जो हमारी आधारभूत संरचना थी वह अविकसित थी, 2014 के बाद से जिस तरह से नरेंद्र मोदी की सरकार ने चीन के समानांतर रोड, पोल, हवाई पट्टी मतलब जिस तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है उससे चीन बौखला गया है, उसी के कारण चीन उत्तेजना पूर्वक कार्रवाई कर रहा है.'

उन्होंने कहा कि चीन से बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझाया जा सकता है, भारतीय सरकार और भारतीय सेना युद्ध वाली गतिविधियों में नहीं जाना चाहती है लेकिन चीन इस तरह की हरकत करता रहा तो भारत चीन की हरकतों का जवाब उसी के शब्द में देगा, भारत को ईट का जवाब पत्थर से देना आता है.

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वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत में तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी गई है, तीनों सेना अलर्ट पर हैं. इस पर राकेश सिन्हा ने कहा, 'हम लोग शांति की बात करते हैं, अभी सीमा पर विवाद चल रहा है लेकिन हजारों भारतीय मजदूर सीमा पर आधारभूत संरचना को विकसित कर रहे हैं लेकिन चीन जैसी हरकत करेगा वैसा ही जवाब भारत देगा.'

चीन विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान आया है कि गलवान घाटी क्षेत्र चीन का हिस्सा है, इस बार भारतीय सेना ने सीमा पार की है, जिसको लेकर राकेश सिन्हा ने कहा कि चीन ने 1962 में भी कहा था कि युद्ध भारत ने शुरू किया है, भारत में चीन समर्थकों की एक टोली है जो चीन का समर्थन करती है. चीन के किसी दावे को हम लोग नहीं मानते हैं, भारत ने पूरी दुनिया में अपनी साख कायम की है. नरेंद्र मोदी की भूमिका अंतरराष्ट्रीय राजनीति में सबसे प्रबल है और पूरी दुनिया में चीन अलग-थलग पड़ चुका है.

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून को चीन विवाद पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है, लेकिन विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि चीन विवाद पर पीएम मोदी चुप्पी साधे हुए हैं. इसके लेकर राकेश सिन्हा ने कहा कि चीन से विवाद पर भारत के विपक्षी दल जिस तरह से राजनीति कर रहे हैं वह दुखद है. पाकिस्तान या चीन के साथ जब भी विवाद होता है, तब विपक्षी दल भारत का समर्थन नहीं करता, हमारे देश के विपक्षी दल सरकार, सेना, देश को हतोत्साहित करने का काम करते हैं.

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