नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन के साथ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक वर्ष की अवधि में अपने कई अहम और दिग्गज नेताओं को खो दिया है.
सत्तारूढ़ दल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व विदेश मंत्री (EAM) सुषमा स्वराज, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार सहित कई दिग्गजों को खोया है .
पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी (93) के निधन के बाद पिछले साल 16 अगस्त को एक लंबी बीमारी के बाद संसदीय मामलों के पूर्व मंत्री अनंत कुमार (59) का नवंबर 2018 को निधन हो गया.
मार्च 2019 में गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मौत के साथ पार्टी को एक और झटका लगा. पर्रिकर ने राफेल सौदे और उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान रक्षा पोर्टफोलियो को संभाला था.
इसके बाद सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का अगस्त 2019 को बहुत ही कम अंतराल के भीतर निधन हो गया, 18 दिनों के भीतर पार्टी में जो जगह खाली हो गई है उसे लंबे समय तक नहीं भरा जा सकता.
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जहां मोदी सरकार ने एक के बाद एक बड़े फैसले लेते हुए अपनी दूसरी पारी शुरू की थी, वहीं स्वराज और जेटली के निधन से पार्टी को हुए नुकसान का गहरा अहसास है.
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दोनों नेताओं ने रैंकों के माध्यम से वृद्धि की, भाजपा के संघर्षों में भाग लिया, और राष्ट्रीय राजनीति के प्रमुख ध्रुव के रूप में इसके उदय में महत्वपूर्ण योगदान दिया.