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मंदिर अधिग्रहण के बजाय सीमा पर ध्यान दे उत्तराखंड सरकार : सुब्रमण्यम

भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में सीएम त्रिवेंद्र सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार मंदिरों के अधिग्रहण में ज्यादा रुचि ले रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री को भी बाराहोती का दौरा करना चाहिए. जानें क्या कुछ बोले सुब्रमण्यम...

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Published : Jun 24, 2020, 1:04 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 1:55 PM IST

subramanian swamy
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी

देहरादून : चीन और भारत के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखाने की नसीहत दी है. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सीमा चीन (बाराहोती) से लगी है. लेकिन उत्तराखंड के सीएम मंदिरों के अधिग्रहण में ज्यादा रुचि ले रहे हैं.

बता दें कि चीन और भारत के बीच लंबे अरसे से सीमा विवाद चल रहा है. डोकलाम को लेकर भी दोनों देश के बीच विवाद हो चुका है. बीते दिनों पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है. वहीं, चीन की इस हरकत के बाद पूरे देश में उबाल है.

पढ़ें- सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका के खिलाफ इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर, 3 हफ्ते बाद होगी सुनवाई

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन और भारत के बीच चल रहे विवाद को लेकर बुधवार को एक ट्वीट किया. स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को बाराहोती पर ध्यान देना चाहिए, जहां चीन और नेपाल आपसी तालमेल बनाए हुए हैं.

सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट
सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार मंदिरों के अधिग्रहण में ज्यादा रुचि ले रही है. साथ ही उन्होंने लिखा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी बाराहोती का दौरा करना चाहिए.

गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जनहित याचिका दायर कर उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाए गए देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को असंवैधानिक बताया है.

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा चारधाम और 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है. सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था.

सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पूर्व में कुछ अन्य राज्यों ने भी इस तरह के निर्णय लिए थे, जिनके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय पहले से ही हैं. उन्होंने उत्तराखंड सरकार के फैसले को नीतियों के भी खिलाफ बताया है और देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने की मांग की है. फिलहाल, यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित है.

देहरादून : चीन और भारत के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने उत्तराखंड सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखाने की नसीहत दी है. सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर सीएम त्रिवेंद्र सिंह को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की सीमा चीन (बाराहोती) से लगी है. लेकिन उत्तराखंड के सीएम मंदिरों के अधिग्रहण में ज्यादा रुचि ले रहे हैं.

बता दें कि चीन और भारत के बीच लंबे अरसे से सीमा विवाद चल रहा है. डोकलाम को लेकर भी दोनों देश के बीच विवाद हो चुका है. बीते दिनों पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है. वहीं, चीन की इस हरकत के बाद पूरे देश में उबाल है.

पढ़ें- सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका के खिलाफ इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर, 3 हफ्ते बाद होगी सुनवाई

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीन और भारत के बीच चल रहे विवाद को लेकर बुधवार को एक ट्वीट किया. स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को बाराहोती पर ध्यान देना चाहिए, जहां चीन और नेपाल आपसी तालमेल बनाए हुए हैं.

सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट
सुब्रमण्यम स्वामी का ट्वीट

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार मंदिरों के अधिग्रहण में ज्यादा रुचि ले रही है. साथ ही उन्होंने लिखा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी बाराहोती का दौरा करना चाहिए.

गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जनहित याचिका दायर कर उत्तराखंड सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाए गए देवस्थानम बोर्ड अधिनियम को असंवैधानिक बताया है.

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा चारधाम और 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है. सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था.

सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि पूर्व में कुछ अन्य राज्यों ने भी इस तरह के निर्णय लिए थे, जिनके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय पहले से ही हैं. उन्होंने उत्तराखंड सरकार के फैसले को नीतियों के भी खिलाफ बताया है और देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने की मांग की है. फिलहाल, यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट में लंबित है.

Last Updated : Jun 24, 2020, 1:55 PM IST
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