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तृणमूल विधायक हत्या मामले में भाजपा नेता मुकुल रॉय को आरोपी बनाया गया - TMC MLA murder case

तृणमूल विधायक की हत्या के मामले में पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है. इसमें भाजपा नेता मुकुल रॉय को आरोपी बनाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Mukul Roy
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Published : Dec 5, 2020, 6:12 PM IST

कोलकाता : कृष्णागंज के तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत विश्वास की हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल सीआईडी ने पूरक आरोप पत्र दायर कर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को आरोपी बनाया है.

सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूरक आरोप पत्र शनिवार को नदिया जिले की एक अदालत में दायर किया गया.

उन्होंने कहा कि विश्वास की हत्या के मामले की जांच के दौरान षड्यंत्रकारी के रूप में रॉय की सक्रिय भागीदारी का पता लगा.

इससे पहले सीआईडी के अधिकारियों ने इस संबंध में भाजपा नेता से पूछताछ की थी. हालांकि, राज्य एजेंसी ने पिछले साल मई में दायर पहले आरोपपत्र में उन्हें नामजद नहीं किया था.

संपर्क किए जाने पर रॉय ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने कभी भी हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं किया.

रॉय ने कहा, मेरे खिलाफ कम से कम 45 मामले लंबित हैं. मैं हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं करता और इस तरह की चीजों में कभी शामिल नहीं होता. मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो पुलिस मंत्री भी हैं, को चुनौती देता हूं कि वह लोगों के बीच कहें कि क्या मेरी रुचि इस तरह की है.

पढ़ें :- तृणमूल विधायक हत्या मामला : 28 फरवरी तक भाजपा विधायक की गिरफ्तारी नहीं

उन्होंने कहा, मैं ऐसी चीजों में उस समय भी शामिल नहीं था, जब मैं उनकी (ममता की) पार्टी में था और अब भी नहीं हूं, जब मैं एक अन्य राजनीतिक दल का सदस्य हूं.

सीआईडी अधिकारियों ने इस मामले के सिलसिले में इस साल सितंबर में दायर एक अन्य पूरक आरोप पत्र में भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार को नामजद किया था.

तृणमूल विधायक विस्वास की फरवरी 2019 में नदिया जिले में सरस्वती पूजा कार्यक्रम के दौरान गोली मार कर हत्या की दी गई थी.

कोलकाता : कृष्णागंज के तृणमूल कांग्रेस विधायक सत्यजीत विश्वास की हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल सीआईडी ने पूरक आरोप पत्र दायर कर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय को आरोपी बनाया है.

सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूरक आरोप पत्र शनिवार को नदिया जिले की एक अदालत में दायर किया गया.

उन्होंने कहा कि विश्वास की हत्या के मामले की जांच के दौरान षड्यंत्रकारी के रूप में रॉय की सक्रिय भागीदारी का पता लगा.

इससे पहले सीआईडी के अधिकारियों ने इस संबंध में भाजपा नेता से पूछताछ की थी. हालांकि, राज्य एजेंसी ने पिछले साल मई में दायर पहले आरोपपत्र में उन्हें नामजद नहीं किया था.

संपर्क किए जाने पर रॉय ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने कभी भी हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं किया.

रॉय ने कहा, मेरे खिलाफ कम से कम 45 मामले लंबित हैं. मैं हिंसा की राजनीति में विश्वास नहीं करता और इस तरह की चीजों में कभी शामिल नहीं होता. मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो पुलिस मंत्री भी हैं, को चुनौती देता हूं कि वह लोगों के बीच कहें कि क्या मेरी रुचि इस तरह की है.

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उन्होंने कहा, मैं ऐसी चीजों में उस समय भी शामिल नहीं था, जब मैं उनकी (ममता की) पार्टी में था और अब भी नहीं हूं, जब मैं एक अन्य राजनीतिक दल का सदस्य हूं.

सीआईडी अधिकारियों ने इस मामले के सिलसिले में इस साल सितंबर में दायर एक अन्य पूरक आरोप पत्र में भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार को नामजद किया था.

तृणमूल विधायक विस्वास की फरवरी 2019 में नदिया जिले में सरस्वती पूजा कार्यक्रम के दौरान गोली मार कर हत्या की दी गई थी.

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