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कर्नाटक के 'नाटक' की जिम्मेदार सिर्फ कांग्रेस : बीजेपी

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Published : Jul 8, 2019, 3:35 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 5:10 PM IST

कर्नाटक में सियासी ड्रामा चरम पर है. बीजेपी का कहना है कि इस पूरे नाटक का जिम्मेदार कांग्रेस है. जानें क्या है पूरा मामला

डिजाइन इमेज.

नई दिल्ली: कर्नाटक में सियासी ड्रामे के बीच आज कांग्रेस के सभी 22 विधायकों ने जेडीएस से समर्थन वापस ले लिया है. आरोप कि इस तमाम ड्रामे की वजह भारतीय जनता पार्टी है.

इसी मामले पर ईटीवी भारत ने पार्टी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन से बातचीत की तो कर्नाटक के नाटक के जिम्मेदार सिर्फ कांग्रेस हैं. उन्होेने कहा कि गलती करे कांग्रेस और आरोप लगे भाजपा पर.

ईटीवी भारत से बात करते शाहनवाज हुसैन

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था. अभी भी सत्ता की मलाई खाने के लिए लड़ाई हो रही है. मुख्यमंत्री को कठपुतली बनाकर सत्ता का मलाई कांग्रेस खा रही है. अभी भी वहां मलाईदार मंत्रालय के लिए लड़ाई हो रही है. कुमारस्वामी बार-बार कहते हैं कि वह जहर पी रहे हैं. जहर किससे पूछ कर पी रहे थे. सत्ता के लिए जहर पीए. समुद्र मंथन नहीं था की अमृत निकला हो.

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक मंथन में जो अमृत निकलता है उसे कांग्रेस खा जाती है और जहर कुमारस्वामी को मिलता. कर्नाटक में जनता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 28 में 26 सीटें दी. विधानसभा में नंबर वन पार्टी है.

पढ़ें- कर'नाटक' : जेडीएस के सभी मंत्रियों ने CM कुमारस्वामी को सौंपा इस्तीफा

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस की बस की बात नहीं है हुकूमत संभालना. कांग्रेस में इस्तीफे का दौैर चल रहा है हर रोज कोई न कोई इस्तीफा दे रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पहले अपना अध्यक्ष चुनने की जरूरत है. इतना ही नहीं उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस तरह पानी के बिना मछली नहीं रह सकती ठीक उसी तरह कांग्रेस बिना सत्ता के नहीं रह सकती है.

बता दें कि पिछले कुछ समय से कर्नाटक में सियासी उठापटक का दौर चल रहा है. इसी बीच कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद जेडीएस के सभी मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिससे राज्य की कुमारास्वामी सरकार खतरे में पढ़ गई है.

गौरतलब है कि यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं.

विधानसभा में स्पीकर के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन का संख्या बल 118 है. इसमें कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37, बसपा का एक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं. 118 में वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है

नई दिल्ली: कर्नाटक में सियासी ड्रामे के बीच आज कांग्रेस के सभी 22 विधायकों ने जेडीएस से समर्थन वापस ले लिया है. आरोप कि इस तमाम ड्रामे की वजह भारतीय जनता पार्टी है.

इसी मामले पर ईटीवी भारत ने पार्टी प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन से बातचीत की तो कर्नाटक के नाटक के जिम्मेदार सिर्फ कांग्रेस हैं. उन्होेने कहा कि गलती करे कांग्रेस और आरोप लगे भाजपा पर.

ईटीवी भारत से बात करते शाहनवाज हुसैन

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया था. अभी भी सत्ता की मलाई खाने के लिए लड़ाई हो रही है. मुख्यमंत्री को कठपुतली बनाकर सत्ता का मलाई कांग्रेस खा रही है. अभी भी वहां मलाईदार मंत्रालय के लिए लड़ाई हो रही है. कुमारस्वामी बार-बार कहते हैं कि वह जहर पी रहे हैं. जहर किससे पूछ कर पी रहे थे. सत्ता के लिए जहर पीए. समुद्र मंथन नहीं था की अमृत निकला हो.

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्नाटक मंथन में जो अमृत निकलता है उसे कांग्रेस खा जाती है और जहर कुमारस्वामी को मिलता. कर्नाटक में जनता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 28 में 26 सीटें दी. विधानसभा में नंबर वन पार्टी है.

पढ़ें- कर'नाटक' : जेडीएस के सभी मंत्रियों ने CM कुमारस्वामी को सौंपा इस्तीफा

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस की बस की बात नहीं है हुकूमत संभालना. कांग्रेस में इस्तीफे का दौैर चल रहा है हर रोज कोई न कोई इस्तीफा दे रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को पहले अपना अध्यक्ष चुनने की जरूरत है. इतना ही नहीं उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस तरह पानी के बिना मछली नहीं रह सकती ठीक उसी तरह कांग्रेस बिना सत्ता के नहीं रह सकती है.

बता दें कि पिछले कुछ समय से कर्नाटक में सियासी उठापटक का दौर चल रहा है. इसी बीच कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद जेडीएस के सभी मंत्रियों ने भी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिससे राज्य की कुमारास्वामी सरकार खतरे में पढ़ गई है.

गौरतलब है कि यदि इन विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो सत्तारूढ़ गठबंधन (जिसके 118 विधायक हैं) 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत खो देगा. वहीं, भाजपा के 105 विधायक हैं.

विधानसभा में स्पीकर के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन का संख्या बल 118 है. इसमें कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37, बसपा का एक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं. 118 में वे विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है

Intro:कर्नाटक के सियासी ड्रामा पूरे शबाब पर है और इस बार केंद्र है मुम्बई- कर्नाटक जे 13 विधयक जिनमे 10 कांग्रेस और 3 जेडीएस के हैं अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नही हैं,यही नही सोमवार को निर्दलीय विदबायक और मंत्री h nagesh ने भी कुमारस्वामी सरकार से अपना इस्तीफा दे5के हुए समर्थन वापस ले लिया
मुम्बई के एक होटल में ठहरे ये विधायक अब बंगलुरू जाकर विधानसभा अध्यक्ष से अपना इस्तीफा स्वीकार करने की गुजारिश करेंगे,हालांकि कांग्रे और जेडीएस लगातार ये आरोप लगा रही है भाजपा उनके विधयकों को खरीद फरोख्त कर रही है जबकि भाजपा ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है


Body:कर्नाटक में सरकार बने एक साल कुछ महीने ही हुए हैं और दूसरी बार वहां सरकार फिर से संकट में आ गयी है इससे पहले इसी साल के जनुअरी में भाजपा ने आरोप लगाया था की कांग्रेस और जेडीएस भाजपा के विधायकों को तोड़ रहे है इसी वजह से भाजपा के विधायकों को पार्टी में गुरुग्राम के एक होटल में बजी के दिनों तक रखा था और इस घाट के कुछ ही महीने बिताने के बाद अब कॉन्ग और जेडीएस के विधयकों के इस्तीफे के ड्रामा शुरू हो गया है
कर्नाटक में एक साल के अंदर लगातार चल रहे सरकार गिरने और गिराने के आरोप प्रत्यारोप के बीच अंदरखाने खबर ये है कि भाजपा इसबार विधयकों के इस्तीफे और सरकार के अल्पमत में आने का इन्तेजार करेगी और आनन फानन में कोई कदम सरकार बनाने के लिए नही बढ़ाएगी,
सूत्रों की माने तो भाजपा शिर्ष कमान कर्नाटक में दोबारा चुनाव कराने के पक्ष में है और इसकी दो वजह बताई जा रही है जिसमे एक हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को वहां छप्पर फाड़ कर सीटें मिलना और दूसरा सूत्रों के मुताबिक पार्टी शिर्ष कमान येदुरप्पा के बजाय श्रीरामलू जो ट्राइबल कम्युनिटी से आते हैं उनके सहारे ट्राइबल्स पर भी दांव खेलना चाहता है क्योंकि भाजपा का ऐसा मानना है कि लिंगायतो को साथ रखने के लिए ही येदुरप्पा को अध्यक्ष बनाया गया है और लिंगायत वैसे भी पार्टी के साथ आ चुके हैं तो क्यों न अब श्रीरामलू जो आदिवासियों के नेता भी हैं और पूर्व मुख्यमंत्री सिधर्ममैया से मात्र 1800 वोट से ही हारे थे उनके बहाने आदिवासी वोट बैंक को साथ लाने की कोशिश की जाए
one to one of shahnawaz hussain


Conclusion:बहरहाल चाहे मामला कुछ भी हो अब मगर सूत्रों की माने तो भाजपा एकबार फिर चुनी हुई सरकार को गिरकर कब्जा करनेवाली पार्टी की इमेज नही बनाना चाहती इसलिए इसबार पार्टी जल्दबाजी में कोई कद नही उठाना चाहती
हालांकि मुम्बई में जिस चार्टर्ड से विधयक पहुंचे हैं वो भाजपा के राज्यसभा सांसद आर चंद्रशेखर का चार्टर्ड विमान है और जिस होटल के ये विधायक ठहरके वाहन भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस के कुछ खास लोगों को देख जा चुका है बावजूद भाजपा इस बात को सिरे से नकार रही कि वो इस ड्रामे के पीछे है
उधर कर्नाटक में सरकार बचाने की कोशिश में कांग्रेस के 13 मंत्री अभीतक मंत्री पद छोड़ चुके हैताकि बागी विधयकों के9 इनमे एडजस्ट किया जा चुके एमजीआर फिलहाल इस राजनीतिक डरे का अंत मजार नही आ रहा
Last Updated : Jul 8, 2019, 5:10 PM IST
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