हैदराबाद: पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के जन्म शताब्दी समारोह के आयोजन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हुए. तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति (टीपीसीसी) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीटिंग में कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और जयराम रमेश ने भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम गांधी भवन में आयोजित किया गया था और इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लाइव प्रसारित भी किया गया था. सभी डीसीसी कार्यालयों और अन्य स्थानों पर विशाल स्क्रीन पर कार्यक्रम को दिखाया गया था. प्रदर्शित किया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने इस अवसर पर संदेश भेजे. सोनिया गांधी ने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव की जन्मशताब्दी "सबसे विद्वान और वैज्ञानिक व्यक्तित्व" को याद करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का अवसर है.
उन्होंने कहा कि राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में एक लंबी पारी के बाद वह गंभीर आर्थिक संकट के समय भारत के प्रधान मंत्री बने. उनके साहसिक नेतृत्व में हमारा देश कई चुनौतियों से सफलतापूर्वक पार पाने में सक्षम रहा. 24 जुलाई, 1991 को आये केंद्रीय बजट ने हमारे देश के आर्थिक परिवर्तन का मार्ग खोले. पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में कई राजनीतिक, सामाजिक और विदेश नीतिगत उपलब्धियों हासिल हुई. इन सबसे ऊपर वह एक समर्पित कांग्रेसी थे जिन्होंने अपनी क्षमतानुसार पार्टी की सेवा की.
अपने संदेश में राहुल गांधी ने कहा कि राव का योगदान आधुनिक भारत के निर्माण में आज भी योगदान दे रहा है. अपनी किशोरावस्था में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से लेकर सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम बनने तक, उनकी उल्लेखनीय राजनीतिक यात्रा उनकी कृतज्ञता और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है. 24 जुलाई 1991 के बजट की 29 वीं वर्षगांठ है. इस दिन भारत ने आर्थिक परिवर्तन के मार्ग खोले थे.
उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह ने उदारीकरण के दौर की शुरुआत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मुझे उम्मीद है कि यह कार्यक्रम हमारे युवाओं के बीच भारत के विकास की कहानी और इसे संभव बनाने वाले उल्लेखनीय व्यक्तियों के बारे में जानने के लिए रुचि जगाएगा."
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि नरसिम्हा राव को कुछ करने की उनकी पथ-प्रदर्शक क्षमता के लिए जाना जाता था, जो कभी-कभी असंभव प्रतीत होता था. उन्होंने कहा, "संयुक्त आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने राज्य में बड़े पैमाने पर भूमि सुधारों की शुरुआत की. यह साहसिक कदम था. उन्होंने अर्थव्यवस्था में गतिशीलता लाने के लिए कट्टरपंथी सुधार किए.
मनमोहन सिंह ने कहा कि वह खुश हैं कि यह कार्यक्रम 24 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है, जब उन्हें 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में भारत के वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने याद किया कि 24 जुलाई का दिन नरसिम्हा राव सरकार की नई निवेशक नीति की भी वर्षगांठ है. चिदंबरम ने कहा कि साल 1991 में पुराने रास्तों को छोड़कर नए रास्ते बनाना बेहद जरूरी था. लोग उनसे पूछते थे कि वह कैसे बदल गए. तब उन्होंने एक छोटे से समूह में कहा था कि वह नहीं बदले हैं. राव ने कहा कि मैं वास्तव में वहीं खड़ा हूं जहां पहले खड़ा था और मैं भारत के लोगों, विशेष रूप से गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हूं.