नई दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को निवर्तमान वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल बी एस धनोआ से चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के अध्यक्ष पद का प्रभार संभाल लिया है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अगले सीओएससी अध्यक्ष के रूप में जनरल रावत का ध्यान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति क्रियान्वित करने, त्रि-सेवा एकीकरण को मजबूत करने और सेना के तीनों अंगों की एक साथ वृद्धि को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है.
सीओएससी में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख शामिल होते हैं तथा सबसे वरिष्ठ सदस्य को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है.
जनरल रावत ने यहां एक संक्षिप्त समारोह में निवर्तमान एअर चीफ मार्शल धनोआ से चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष की बैटन प्राप्त की.
धनोआ सोमवार को सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
सीओएससी अध्यक्ष के रूप में रावत का ध्यान सशस्त्र बलों की आधुनिक युद्ध क्षमताओं को तेजी से अधिक से अधिक मजबूत करने पर भी होगा, जिससे सुनिश्चित हो सके कि वे भविष्य की चुनौतियों से अच्छी तरह निपट सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण सैन्य सुधार के तहत गत 15 अगस्त को घोषणा की थी कि भारत में सेना के तीनों अंगों के प्रमुख के रूप में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) होगा.
यह प्रस्ताव 1999 में हुए करगिल युद्ध के समय से लंबित था.
एअर चीफ मार्शल धनोआ ने सीओएससी अध्यक्ष की कमान 29 मई को तत्कालीन नौसेना प्रमुख सुनील लांबा से प्राप्त की थी.
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सीओएससी अध्यक्ष का कार्य सेना के तीनों अंगों में तालमेल सुनिश्चित करने और देश के समक्ष उत्पन्न बाह्य चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीति बनाने का होता है.
मंत्रालय ने कहा, जनरल रावत ने अपनी दूरदृष्टि और पेशेवर कौशल से अपने निष्पक्ष विचारों के साथ समिति में काफी योगदान दिया है.
जनरल रावत ने थलसेना प्रमुख के रूप में 31 दिसंबर 2016 को कार्यभार संभाला था.