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त्रिपुरा में सीएए के विरोध में बाइक रैली, बेंगलुरु में महिलाओं ने किया प्रदर्शन - भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी

सीएए के विरोध में त्रिपुरा के खुमलांग में लोगों ने बाइक रैली निकाली. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने अपना आक्रोश जताते हुए कहा कि हमारे देश में रोजगार नहीं है और सरकार दूसरे देश से लोगों को लाकर भीड़ बढ़ाना चाहती है. वहीं बेंगलुरु में भी सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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बाइक रैली
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Published : Feb 9, 2020, 7:59 AM IST

Updated : Feb 29, 2020, 5:23 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा के खुमलांग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बाइक रैली निकाली गई. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सभी गांव-गांव जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि सीएए से क्या नुकसान होगा. वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी महिलाएं सीएए, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजिका के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं.

त्रिपुरा में विरोध जताते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मैं एक हिन्दू हूं और यह विरोध किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति, भाषा और पहचान को बनाए रखने के लिए है. दिल्ली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सीएए का विरोध कर रही है, लेकिन त्रिपुरा में माणिक सरकार इस मुद्दे पर शांत है.

त्रिपुरा में निकाली गई बाइक रैली.

प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम त्रिपुरा के हर गांव में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि सीएए से कितना नुकसान हो सकता है. आज हमारे पास नौकरियां नहीं हैं, फिर हम उन पड़ोसी देश के लोगों को नागरिकता देकर देश की जनसंख्या बढ़ाने की योजना क्यों बना रहे हैं?

गौरतलब है कि सीएए को लेकर देश के कई भागों में प्रदर्शन चल रहा है.

पढ़ें : अहमदाबाद : सामूहिक विवाह में एक साथ 1100 हिन्दू-मुस्लिम जोड़ों ने रचाई शादी

केंद्र सरकार ने गत दिसंबर में इस विधेयक को पास किया था. नए कानून के मुताबिक हिंदू, पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, और ईसाई धर्म के लोगों (जो पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर रह रहे हैं) को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी.

अगरतला : त्रिपुरा के खुमलांग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बाइक रैली निकाली गई. इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम सभी गांव-गांव जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि सीएए से क्या नुकसान होगा. वहीं कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी महिलाएं सीएए, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजिका के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं.

त्रिपुरा में विरोध जताते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मैं एक हिन्दू हूं और यह विरोध किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति, भाषा और पहचान को बनाए रखने के लिए है. दिल्ली में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सीएए का विरोध कर रही है, लेकिन त्रिपुरा में माणिक सरकार इस मुद्दे पर शांत है.

त्रिपुरा में निकाली गई बाइक रैली.

प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम त्रिपुरा के हर गांव में जाएंगे और लोगों को बताएंगे कि सीएए से कितना नुकसान हो सकता है. आज हमारे पास नौकरियां नहीं हैं, फिर हम उन पड़ोसी देश के लोगों को नागरिकता देकर देश की जनसंख्या बढ़ाने की योजना क्यों बना रहे हैं?

गौरतलब है कि सीएए को लेकर देश के कई भागों में प्रदर्शन चल रहा है.

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केंद्र सरकार ने गत दिसंबर में इस विधेयक को पास किया था. नए कानून के मुताबिक हिंदू, पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, और ईसाई धर्म के लोगों (जो पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर रह रहे हैं) को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी.

Last Updated : Feb 29, 2020, 5:23 PM IST
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