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आंध्र में फंसे 1,200 बिहारी मजदूर, मुख्यमंत्री नीतीश से लगाई मदद की गुहार

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Published : May 12, 2020, 1:04 AM IST

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश समेत देश के कई प्रदेश में बिहार के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. हालांकि, सरकार ने प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला शुरू कर दिया है. बावजूद इसके अभी भी हजारों की तादाद में बिहार के मजदूर कई अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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गुंटूर/पटना : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश समेत देश के कई प्रदेश में बिहार के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. कई लोगों अपने घर पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही निकल पड़े. हालांकि, सरकार ने प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला शुरू कर दिया है. बावजूद इसके अभी भी हजारों की तादाद में बिहार के मजदूर कई अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं.

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में भी भारी तादाद में बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं. बिहार मूल के यह मजदूर अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. मजदूरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें यहां पर भारी परेशानी हो रही है. इसलिए सीएम नीतीश उनकी वापसी की पहल करे.

'खाने के पड़े लाले'
दरअसल, गुंटूर जैसे बड़े शहरों में इन मजदूरों की जिंदगी दिहाड़ी के आधार पर होने वाली कमाई पर ही टिकी हुई है. लॉकडाउन की वजह से कमाई बंद हो गई.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसे में इन्हें रहने और खाने के लाले पड़े हुए हैं. सरकार की ओर से इन्हें खाना और बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने का वादा किया गया. लेकिन यह मजदूर जमीनी हकीकत कुछ और ही बताते हैं.

गुंटूर में फंसे हुए बिहारी प्रवासियों ने कहा कि वह यहां लगभग 1200 की तादाद में फंसे हुए हैं. उन लोगों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया था. लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है.

उन्होंने बताया कि हमें खाना तो दूर की बात है. यहां पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. उन्हें सरकार की मदद की जरूरत है इसलिए सीएम नीतीश उनके घर वापसी की पहल करें.

मजदूरों की सरकार से गुहार
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूर प्रताप नरायण यादव बताते हैं कि वह दरभंगा जिले के रहने वाले हैं. हम लोगों ने वापसी के लिए सरकार से कई बार गुहार लगाई. खुद के जमा पैसे से निजी बस से वापसी की भी मांग की लेकिन सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की.

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आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूर

वहीं, दरभंगा की ही एक अन्य मजदूर अजीत पंडित ने बताया कि हम लोग यहां पिछले 2 महीने से फंसे हुए हैं. यहां की सरकार हमें भोजन देने की वादा जरूर कर रही है. लेकिन हमें खाने-पीने को कुछ नहीं मिल रही है.

मजदूरों ने बताया कि देशभर के अन्य जगहों से मजदूरों की वापसी हो रही है. लेकिन आंध्र प्रदेश की सरकार हम लोगों के लिए कोई पहल नहीं कर रह है.

समस्तीपुर के रहने वाले मजदूर ने बताया कि काम बंद हो गया है. इस वजह से मजदूरी नहीं मिल पा रही है. रूम का किराया लग रहा है. हमारे पास पैसे नहीं हैं. मजदूरों ने आंध्र प्रदेश और बिहार के सीएम से घर वापसी कराने की अपील की.

गुंटूर/पटना : कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन लागू है. ऐसे में दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश समेत देश के कई प्रदेश में बिहार के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. प्रवासी मजदूर अपने-अपने गृह राज्यों को लौटना चाहते हैं. कई लोगों अपने घर पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल ही निकल पड़े. हालांकि, सरकार ने प्रवासी मजदूरों के घर वापसी का सिलसिला शुरू कर दिया है. बावजूद इसके अभी भी हजारों की तादाद में बिहार के मजदूर कई अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं.

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में भी भारी तादाद में बिहार के मजदूर फंसे हुए हैं. बिहार मूल के यह मजदूर अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. मजदूरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें यहां पर भारी परेशानी हो रही है. इसलिए सीएम नीतीश उनकी वापसी की पहल करे.

'खाने के पड़े लाले'
दरअसल, गुंटूर जैसे बड़े शहरों में इन मजदूरों की जिंदगी दिहाड़ी के आधार पर होने वाली कमाई पर ही टिकी हुई है. लॉकडाउन की वजह से कमाई बंद हो गई.

देखें ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसे में इन्हें रहने और खाने के लाले पड़े हुए हैं. सरकार की ओर से इन्हें खाना और बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने का वादा किया गया. लेकिन यह मजदूर जमीनी हकीकत कुछ और ही बताते हैं.

गुंटूर में फंसे हुए बिहारी प्रवासियों ने कहा कि वह यहां लगभग 1200 की तादाद में फंसे हुए हैं. उन लोगों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया था. लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है.

उन्होंने बताया कि हमें खाना तो दूर की बात है. यहां पानी भी नसीब नहीं हो रहा है. उन्हें सरकार की मदद की जरूरत है इसलिए सीएम नीतीश उनके घर वापसी की पहल करें.

मजदूरों की सरकार से गुहार
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूर प्रताप नरायण यादव बताते हैं कि वह दरभंगा जिले के रहने वाले हैं. हम लोगों ने वापसी के लिए सरकार से कई बार गुहार लगाई. खुद के जमा पैसे से निजी बस से वापसी की भी मांग की लेकिन सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की.

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आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में फंसे हुए दिहाड़ी मजदूर

वहीं, दरभंगा की ही एक अन्य मजदूर अजीत पंडित ने बताया कि हम लोग यहां पिछले 2 महीने से फंसे हुए हैं. यहां की सरकार हमें भोजन देने की वादा जरूर कर रही है. लेकिन हमें खाने-पीने को कुछ नहीं मिल रही है.

मजदूरों ने बताया कि देशभर के अन्य जगहों से मजदूरों की वापसी हो रही है. लेकिन आंध्र प्रदेश की सरकार हम लोगों के लिए कोई पहल नहीं कर रह है.

समस्तीपुर के रहने वाले मजदूर ने बताया कि काम बंद हो गया है. इस वजह से मजदूरी नहीं मिल पा रही है. रूम का किराया लग रहा है. हमारे पास पैसे नहीं हैं. मजदूरों ने आंध्र प्रदेश और बिहार के सीएम से घर वापसी कराने की अपील की.

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