पटना : बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को वीआरएस ले लिया है. गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार सरकार को वीआरएस भेजा था, जिसे बिहार के राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है. वहीं, गुप्तेश्वर पांडेय की जगह अब बिहार के आईपीएस अधिकारी एस के सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वर्तमान में ये डीजी सिविल डिफेंस एंड फायर सर्विस में है. जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव में गुप्तेश्वर पांडेय को बक्सर या भोजपुर की किसी सीट से एनडीए का उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
संजीव कुमार सिंघल के मिला डीजीपी बिहार का अतिरिक्त प्रभार
गुप्तेश्वर पांडेय के अचानक रिटायरमेंट के बाद सिविल डिफेंस एंड फायर सर्विसेज के डीजी संजीव कुमार सिंघल को अगले आदेश तक डीजीपी बिहार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वर्तमान में संजीव कुमार सिंघल सिविल डिफेंस एंड फायर सर्विस डीजी के पद पर कार्यरत है.
पांच महीने का बचा था कार्यकाल
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था. कार्यकाल पूरा होने में करीब पांच महीने का वक्त बचा हुआ है. राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनावी मैदान में उतरने की पुरी तैयारी कर ली है.
बेगूसराय और जहानाबाद में अपराधियों का किया था खात्मा
बतौर आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय 33 साल की सर्विस पूरी कर चुके हैं. एसपी से लेकर डीआईजी, आईजी और एडीजी बनने तक के सफर में गुप्तेश्वर पांडेय प्रदेश के 26 जिलों में काम कर चुके हैं. 1993-94 में वे बेगूसराय और 1995-96 में जहानाबाद के एसपी रह चुके हैं. इन दोनों जिलों में अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों का खात्मा कर दिया था. वहीं, इन्हें कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिए भी जाना जाता है.
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सुशांत मामले में बेबाक तरीके से रखी थी अपनी बात
मुंबई में हुई एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर ही बिहार पुलिस की टीम को जांच के लिए मुंबई भेजा गया था. इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी बातों को बेबाक तरीके से सबके सामने रखा था और कई बार वो खुलकर मीडिया के सामने भी आए थे.