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सरकार से मांग मनवा कर रहेंगे : राकेश टिकैत

किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से ईटीवी भारत ने विशेष बात की. पढ़ें आंदोलन पर क्या कह रहे हैं राकेश टिकैत.

rakesh tikait
राकेश टिकैत
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Published : Dec 13, 2020, 3:46 PM IST

नई दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए पश्चिमी यूपी के दूरदराज इलाके से भी अब यहां किसान पहुंच रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से खास बातचीत की और उनसे जाना कि प्रदर्शन की अगली रूपरेखा क्या रहेगी?

'आए हैं प्रदर्शन करने'

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो यहां प्रदर्शन करने आ गए हैं. किसान फसल को आधे रेट में बेचकर आ गया है. जानने आया है कि सरकार क्या कहती है? अब सरकार बताए कि आगे क्या करना है. गेंद उनके पाले में है. नुकसान का जो कानून बन रहा है, केंद्र उस कानून को वापस ले. किसानों की बर्बादी के जो कानून बने हैं, उसे केंद्र सरकार तुरंत वापस ले. हमें जो बांधने की कोशिश की जा रही है, वह गलत है. किसानों को यह कानून मंजूर नहीं है.

'सही दिशा में चल रहा प्रदर्शन'

प्रदर्शन के राजनीतिकरण से जुड़े सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि यह तो सरकार के कहने की बात है. यहां कोई राजनीति करने वाला नहीं आ रहा. यहां कुछ राजनैतिक होता नहीं दिख रहा. यह सब तो वोटर हैं. इनमें से 70 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इसी सरकार को वोट दिया है और उनके वोट से ही सरकार बनी है. इनको नाराज कर सरकार कहां जाएगी?

'नहीं हुआ कमजोर'

चिल्ला बॉर्डर खोले जाने के संबंध में राकेश टिकैत ने कहा कि एकाध संगठनों ने बॉर्डर खोल दिया है. यह संगठन भारतीय किसान यूनियन से नहीं जुड़े हैं. हम अपनी मांगों के पूरा होने तक प्रदर्शन करते रहेंगे. चाहे इसके लिए हमें कितने ही दिन प्रदर्शन करना पड़े.

'बदलती रहेंगी महिलाएं'

प्रदर्शन में महिलाओं की भूमिका से जुड़े सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि महिलाएं प्रदर्शन के दौरान अदलती बदलती रहेंगी. कुछ दिनों बाद महिलाओं की दूसरी खेप यहां आएगी, लेकिन हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा.

'कुछ लोग करेंगे भूख हड़ताल'

राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ लोग ही भूख हड़ताल करेंगे. हम तो यहां बैठे हुए हैं. आगे की रणनीति सरकार को तय करनी है. किसान की रणनीति तो आंदोलन की है. हम बैठक से मना नहीं कर रहे हैं. सरकार बताए कि हमें कब, कहां, कितने बजे आना है? हम बैठक के लिए चले जाएंगे लेकिन अपनी मांग मनवा कर रहेंगे.

नई दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए पश्चिमी यूपी के दूरदराज इलाके से भी अब यहां किसान पहुंच रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से खास बातचीत की और उनसे जाना कि प्रदर्शन की अगली रूपरेखा क्या रहेगी?

'आए हैं प्रदर्शन करने'

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो यहां प्रदर्शन करने आ गए हैं. किसान फसल को आधे रेट में बेचकर आ गया है. जानने आया है कि सरकार क्या कहती है? अब सरकार बताए कि आगे क्या करना है. गेंद उनके पाले में है. नुकसान का जो कानून बन रहा है, केंद्र उस कानून को वापस ले. किसानों की बर्बादी के जो कानून बने हैं, उसे केंद्र सरकार तुरंत वापस ले. हमें जो बांधने की कोशिश की जा रही है, वह गलत है. किसानों को यह कानून मंजूर नहीं है.

'सही दिशा में चल रहा प्रदर्शन'

प्रदर्शन के राजनीतिकरण से जुड़े सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि यह तो सरकार के कहने की बात है. यहां कोई राजनीति करने वाला नहीं आ रहा. यहां कुछ राजनैतिक होता नहीं दिख रहा. यह सब तो वोटर हैं. इनमें से 70 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इसी सरकार को वोट दिया है और उनके वोट से ही सरकार बनी है. इनको नाराज कर सरकार कहां जाएगी?

'नहीं हुआ कमजोर'

चिल्ला बॉर्डर खोले जाने के संबंध में राकेश टिकैत ने कहा कि एकाध संगठनों ने बॉर्डर खोल दिया है. यह संगठन भारतीय किसान यूनियन से नहीं जुड़े हैं. हम अपनी मांगों के पूरा होने तक प्रदर्शन करते रहेंगे. चाहे इसके लिए हमें कितने ही दिन प्रदर्शन करना पड़े.

'बदलती रहेंगी महिलाएं'

प्रदर्शन में महिलाओं की भूमिका से जुड़े सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि महिलाएं प्रदर्शन के दौरान अदलती बदलती रहेंगी. कुछ दिनों बाद महिलाओं की दूसरी खेप यहां आएगी, लेकिन हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा.

'कुछ लोग करेंगे भूख हड़ताल'

राकेश टिकैत ने कहा कि कुछ लोग ही भूख हड़ताल करेंगे. हम तो यहां बैठे हुए हैं. आगे की रणनीति सरकार को तय करनी है. किसान की रणनीति तो आंदोलन की है. हम बैठक से मना नहीं कर रहे हैं. सरकार बताए कि हमें कब, कहां, कितने बजे आना है? हम बैठक के लिए चले जाएंगे लेकिन अपनी मांग मनवा कर रहेंगे.

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