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भगत सिंह ने यहीं सीखा था बम बनाना, पत्थर पर मौजूद हैं शहीद-ए-आजम के निशां

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Published : Jul 15, 2019, 8:11 PM IST

अंग्रेजों के दांत खट्टे करने के लिए शहीद भगत सिंह ने नोएडा नलगढ़ा गांव में पनाह ली. यहीं बम बनाने का प्रशिक्षण लेकर बम बनाना सीखा. उस समय बम बनाने के लिए जिस पत्थर पर बारूद को घिसा जाता था वो आज भी मौजूद है. देखिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट

भगत सिंह ( सौ, विकिपीडिया)

नई दिल्ली : 'इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिख जाता हूं.' आजादी का जुनून और दीवानगी इस कदर शहीद भगत सिंह के दिलों दिमाग पर काबिज थी कि वो 24 घंटे देश की आजादी को जिया करते थे.

अंग्रेज़ो के दांत खट्टे करने के लिए शहीद भगत सिंह नोएडा के नलगढ़ा गांव में पनाह ली. यहां वो बम प्रशिक्षण लिया करते थे और यहीं बम तैयार किया करते थे. गौरतलब यह है कि असेंबली में फेंका बम इसी गांव में तैयार किया गया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बता दें कि नोएडा सेक्टर 145 के नलगढ़ा गांव में वो पत्थर आज भी मौजूद है जिसपर बम प्रशिक्षण किया जाता था. शहीद भगत सिंह, राज गुरु अपने साथियों के साथ यहां 3 साल तक रहे थे.

बम बनाने के लिए बारूद और अन्य सामग्रियों को इसी पत्थर पर मिलाया जाता था. इस पत्थर में दो गड्ढे हैं, जिसमें बारूद को मिलाया जाता था. इन निशानियां को ग्रामीणों ने आज भी सहेज कर रखा है.

शहीद भगत सिंह परिवार की मंजीत कौर बताती हैं कि उस समय पत्थर में पीस कर बारूद तैयार किया जाता था. उन्होंने बताया कि यह पर बनाए गए बम के खोल में बारूद भरकर असेंबली में बम फेंका गया था. परिवार की मनजीत कौर ने उस समय जिस चीज में बारूद रखा जाता था उसको भी दिखाया.

पढ़ें- उत्तर प्रदेश के स्कूल भवन में अचानक आया करंट, 50 बच्चे घायल

'शहीद भगत सिंह पार्क बनाया जाए'
शहीद भगत सिंह के परिवार के मनजीत कौर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके गांव में एक शहीद भगत सिंह पार्क और उनका स्मारक बनाया जाए. साथ ही गांव के बाहर शहीद भगत सिंह द्वार बनाया जाए ताकि आगे आने वाली पीढ़ी को शहीद भगत सिंह के ऐतिहासिक गांव के बारे में पता चल सके.

नई दिल्ली : 'इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिख जाता हूं.' आजादी का जुनून और दीवानगी इस कदर शहीद भगत सिंह के दिलों दिमाग पर काबिज थी कि वो 24 घंटे देश की आजादी को जिया करते थे.

अंग्रेज़ो के दांत खट्टे करने के लिए शहीद भगत सिंह नोएडा के नलगढ़ा गांव में पनाह ली. यहां वो बम प्रशिक्षण लिया करते थे और यहीं बम तैयार किया करते थे. गौरतलब यह है कि असेंबली में फेंका बम इसी गांव में तैयार किया गया था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बता दें कि नोएडा सेक्टर 145 के नलगढ़ा गांव में वो पत्थर आज भी मौजूद है जिसपर बम प्रशिक्षण किया जाता था. शहीद भगत सिंह, राज गुरु अपने साथियों के साथ यहां 3 साल तक रहे थे.

बम बनाने के लिए बारूद और अन्य सामग्रियों को इसी पत्थर पर मिलाया जाता था. इस पत्थर में दो गड्ढे हैं, जिसमें बारूद को मिलाया जाता था. इन निशानियां को ग्रामीणों ने आज भी सहेज कर रखा है.

शहीद भगत सिंह परिवार की मंजीत कौर बताती हैं कि उस समय पत्थर में पीस कर बारूद तैयार किया जाता था. उन्होंने बताया कि यह पर बनाए गए बम के खोल में बारूद भरकर असेंबली में बम फेंका गया था. परिवार की मनजीत कौर ने उस समय जिस चीज में बारूद रखा जाता था उसको भी दिखाया.

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'शहीद भगत सिंह पार्क बनाया जाए'
शहीद भगत सिंह के परिवार के मनजीत कौर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके गांव में एक शहीद भगत सिंह पार्क और उनका स्मारक बनाया जाए. साथ ही गांव के बाहर शहीद भगत सिंह द्वार बनाया जाए ताकि आगे आने वाली पीढ़ी को शहीद भगत सिंह के ऐतिहासिक गांव के बारे में पता चल सके.

Intro:"इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से अगर मैं इश्क लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिख जाता हूं" आज़ादी का जुनून और दीवानगी इस कदर शहीद भगत सिंह के दिलों दिमाग पर काबिज़ थी कि वो 24 घंटे देश की आज़ादी को ज़िया करते थे। अंग्रेज़ो में दांत खट्टे करने के लिए शहीद भगत सिंह नोएडा के नलगढ़ा गांव में पनाह लेकर यहां बम प्रशिक्षण और बम तैयार किया करते थे। असेंबली में फेंका बम इसी गांव में तैयार किया गया था।


Body:नोएडा सेक्टर 145 के नलगढ़ा गांव में वो पत्थर आज भी मौजूद है जिसपर बम प्रशिक्षण किया जाता था। बम प्रशिक्षण और बारूद तैयार किया करते थे। शहीद भगत सिंह, राज गुरु अपने साथियों के साथ यहां 3 वर्ष तक रहे।

बम बनाने के लिए बारूद और अन्य सामग्रियों को जिस पत्थर में रखकर मिलाया जाता था वह ऐतिहासिक पत्थर आज भी नोएडा के नलगढ़ा गांव में मौजूद है। पत्थर में दो गड्ढे हैं, जिसमें बारूद को मिलाया जाता था। इन निशानियां को ग्रामीणों ने आज भी सहेज कर रखा है।


Conclusion:शहीद भगत सिंह परिवार की मंजीत कौर बताती हैं कि पत्थर में पीस कर बारूद तैयार करके और बम के खोल में भरकर फिर असेंबली में बम फेंका था। परिवार की मनजीत कौर ने बारूद भर बम तैयार करने वाले ऐतिहासिक बम को भी दिखाया।

"सरकार से मांग"
शहीद भगत सिंह के परिवार के मनजीत कौर ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके गांव में एक शहीद भगत सिंह पार्क और उनका स्मारक बनाया जाए। साथ ही गांव के बाहर शहीद भगत सिंह द्वार बनाया जाए। ताकि आगे आने वाली पीढ़ी कुछ शहीद भगत सिंह के ऐतिहासिक गांव के बारे में पता चले।
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