बेंगलुरु : लगातार दो हफ्तों तक हुई भारी बारिश के कारण बेंगलुरु के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई. दक्षिण-पश्चिम मानसून के अक्टूबर में अच्छी तरह से जारी रहने के साथ, जून से सितंबर की अवधि में शहर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है. नालियां भर गईं, सड़कें नालों में बदल गईं और बेंगलुरु शहर के कई इलाकों में घर जलमग्न हो गए.
बन्नेरघट्टा के हिस्सों में भारी वर्षा के बाद, लक्कसंड्रा के स्लम में रश्मि म्मा का एक घर ढह गया. रश्मि अम्मा, एक 71 वर्षीय महिला जो अपनी बेटी, बहू और चार पोतों के साथ 10x10 के मकान में रहती हैं. भारी बारिश के कारण उनका छोटा सा घर पूरी तरह से ढह गया और साथ में सारा सामान भी नष्ट हो गया. उनके पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं थी, इसलिए पूरा परिवार विल्सन गार्डन पब्लिक टॉयलेट में रहने के लिए चला गया.
रश्मि अम्मा मैरिज हॉलों में साफ सफाई का काम करके अपना जीवन यापन करती थीं. कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी से उनको काम मिलना भी बंद हो गया था.
रश्मि अम्मा के परिवार के सार्वजनिक टॉयलेट में चले जाने के बाद उनकी हालत को देखकर एक समाजिक कार्यकर्ता उनका हाल लेने रश्मि अम्मा के पास गए. रश्मिअम्मा ने रो-रोकर अपना हाल कार्यकर्ता को बताया और वह रोते-रोते गिर पड़ीं. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
रश्मि अम्मा की बेटी गीता अब भी अपने चार बच्चों के साथ विल्सन गार्डन के पब्लिक टॉयलेट में रह रही हैं. चारों बच्चों की उम्र 4-11 वर्ष के बीच है. उन्होंने कई सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटे, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली.