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उत्तराखंड : जंगली जानवरों की सुरक्षा करते हैं बेल्जियन शेफर्ड कुत्ते

उत्तराखंड के जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के शिकार और तस्करी को रोकने और कार्बेट की सुरक्षा को लेकर कार्बेट प्रशासन ने नया तरीका अपनाया है. इसके तहत कॉर्बेट प्रशासन ने बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों की मदद ली है.

belgian shepherd breed dogs
जंगली जानवरों की सुरक्षा करते हैं बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते.
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Published : Jun 30, 2020, 7:03 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में बाघों की हुकूमत चलती है. अगर इन बाघों की हिफाजत कुत्ते करें, तो आप क्या कहेंगे? आपको यह बात सुनने में भले ही थोड़ी अटपटी लगे, लेकिन, यह बात सोलह आने सच है. उत्तराखंड के घने जंगलों में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर जंगलों में रह रहे खूंखार बाघों की सुरक्षा, कर्मचारियों के साथ-साथ कुत्ते भी कर रहे हैं. यह कुत्ते इतने खतरनाक है कि अगर कोई भी शिकारी, बाघों का शिकार करने की सोचता भी है तो उससे पहले यह उस पर हमला कर देते हैं. आखिरकार क्या है इन कुत्तों की खासियत और उनके रहते बाघों की सुरक्षा कवच की कहानी?

देश के तमाम जंगलों से अमूमन जंगली जानवरों के शिकार के मामले सामने आते रहते हैं. जिसे देखते हुए जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के शिकार और तस्करी को रोकने के लिए कार्बेट प्रशासन ने नया तरीका अपनाया है. इसके तहत कॉर्बेट प्रशासन ने बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को कॉर्बेट की सुरक्षा के लिए मैदान में उतारा है. इसके साथ ही इस दल में जर्मन शेफर्ड कुत्ते भी शामिल किए गए हैं. इन कुत्तों को फील्ड में उतारने से पहले विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है.

जंगली जानवरों की सुरक्षा करते हैं बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते.

यह कुत्ते, न सिर्फ जंगली जानवरों के शिकार को रोकने के लिए तैयार किए गए हैं. बल्कि, जंगल के भीतर जंगली जानवरों को तलाशने, घायल जानवरों को ढूढने के साथ ही जंगल की संवेदनशील सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए भी तैयार किया गया हैं. यहीं नहीं, केटीआर (कालागढ़ टाइगर रिजर्व) तथा सीटीआर (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व) में इस नस्ल के चार कुत्ते तैनात किए गए हैं, जिसमें से एक कालागढ़ टाइगर रिजर्व में है. जबकि, तीन को लालढांग केनाल में तैनात किया गया है.

पढ़े: मध्यप्रदेश में अब कुत्तों के भी तबादले, सरकार ने जारी की लिस्ट

बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों की खास बात है कि इस नस्ल के कुत्तों में सूंघने की विशेष क्षमता होती है. यही नहीं, यह कुत्ते लोगों की भीड़ में भी संदिग्धों की पहचान कर लेने की क्षमता रखते है. ऐसे में जंगल के भीतर घायल जंगली जानवरों की तलाश करने में बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के कुत्ते बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. दरअसल, सूंघने की विशेष क्षमता होने के चलते जानवरों के घायल होने की स्थिति में उनके खून, मांस को सूंघकर यह कुत्ते उस जानवर को जंगल में ढूंढने में मदद करते हैं.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के एसडीओ केएस खाटी ने बताया कि तीन कुत्ते पाले गए हैं, जिनकी विशेषता यह है कि उनकी सूंघने की क्षमता बहुत अधिक है. यह तीनों कुत्ते बेल्जियन शेफर्ड, एरियल जर्मन शेफर्ड और ब्रांडी जर्मन शेफर्ड नस्ल के हैं. इन कुत्तों को ट्रेनिंग जंगलों के संवेदनशील क्षेत्रों और जंगलों के पास रहने वाले लोगों की गश्त को देखते हुए दी गई है.

देहरादून : उत्तराखंड के जंगलों में बाघों की हुकूमत चलती है. अगर इन बाघों की हिफाजत कुत्ते करें, तो आप क्या कहेंगे? आपको यह बात सुनने में भले ही थोड़ी अटपटी लगे, लेकिन, यह बात सोलह आने सच है. उत्तराखंड के घने जंगलों में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर जंगलों में रह रहे खूंखार बाघों की सुरक्षा, कर्मचारियों के साथ-साथ कुत्ते भी कर रहे हैं. यह कुत्ते इतने खतरनाक है कि अगर कोई भी शिकारी, बाघों का शिकार करने की सोचता भी है तो उससे पहले यह उस पर हमला कर देते हैं. आखिरकार क्या है इन कुत्तों की खासियत और उनके रहते बाघों की सुरक्षा कवच की कहानी?

देश के तमाम जंगलों से अमूमन जंगली जानवरों के शिकार के मामले सामने आते रहते हैं. जिसे देखते हुए जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व में जंगली जानवरों के शिकार और तस्करी को रोकने के लिए कार्बेट प्रशासन ने नया तरीका अपनाया है. इसके तहत कॉर्बेट प्रशासन ने बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को कॉर्बेट की सुरक्षा के लिए मैदान में उतारा है. इसके साथ ही इस दल में जर्मन शेफर्ड कुत्ते भी शामिल किए गए हैं. इन कुत्तों को फील्ड में उतारने से पहले विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है.

जंगली जानवरों की सुरक्षा करते हैं बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्ते.

यह कुत्ते, न सिर्फ जंगली जानवरों के शिकार को रोकने के लिए तैयार किए गए हैं. बल्कि, जंगल के भीतर जंगली जानवरों को तलाशने, घायल जानवरों को ढूढने के साथ ही जंगल की संवेदनशील सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए भी तैयार किया गया हैं. यहीं नहीं, केटीआर (कालागढ़ टाइगर रिजर्व) तथा सीटीआर (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व) में इस नस्ल के चार कुत्ते तैनात किए गए हैं, जिसमें से एक कालागढ़ टाइगर रिजर्व में है. जबकि, तीन को लालढांग केनाल में तैनात किया गया है.

पढ़े: मध्यप्रदेश में अब कुत्तों के भी तबादले, सरकार ने जारी की लिस्ट

बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों की खास बात है कि इस नस्ल के कुत्तों में सूंघने की विशेष क्षमता होती है. यही नहीं, यह कुत्ते लोगों की भीड़ में भी संदिग्धों की पहचान कर लेने की क्षमता रखते है. ऐसे में जंगल के भीतर घायल जंगली जानवरों की तलाश करने में बेल्जियम शेफर्ड नस्ल के कुत्ते बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. दरअसल, सूंघने की विशेष क्षमता होने के चलते जानवरों के घायल होने की स्थिति में उनके खून, मांस को सूंघकर यह कुत्ते उस जानवर को जंगल में ढूंढने में मदद करते हैं.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के एसडीओ केएस खाटी ने बताया कि तीन कुत्ते पाले गए हैं, जिनकी विशेषता यह है कि उनकी सूंघने की क्षमता बहुत अधिक है. यह तीनों कुत्ते बेल्जियन शेफर्ड, एरियल जर्मन शेफर्ड और ब्रांडी जर्मन शेफर्ड नस्ल के हैं. इन कुत्तों को ट्रेनिंग जंगलों के संवेदनशील क्षेत्रों और जंगलों के पास रहने वाले लोगों की गश्त को देखते हुए दी गई है.

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