बेंगलुरु : आजकल चिकित्सक कह रहे हैं कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सामाजिक दूरी जरूरी है. करीब 92 साल पहले आई स्पेनिश फ्लू में भी यही स्थिति थी. 1928 में स्पेनिश फ्लू महामारी फैली थी. उस समय के बैंगलोर सिटी म्युनिसिपल काउंसिल के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी एक नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. सुधाकर ने ट्वीट किया कि तब भी अधिकारियों ने इसी तरह की सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) और प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) की वकालत की थी.
लगभग 92 साल पहले 1928 में स्पेनिश फ्लू आने के दौरान तत्कालीन बैंगलोर सिटी म्युनिसिपल काउंसिल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखने और प्रतिरक्षा शक्ति में सुधार करने की सलाह दी थी.
उस नोटिस में भी वही दिशानिर्देश हैं, जो आज कोरोना के समय पर दिए जा रहे हैं. बुखार, सर्दी, खांसी होने पर सतर्क रहें. भीड़ जमा न करें. ड्रामा, सिनेमा न जाएं. अच्छी हवा-पानी में रहें.
बैंगलोर सिटी म्युनिसिपल काउंसिल के एक अधिकारी ने 11 मार्च, 1928 को नोटिस जारी कर ये सुझाव दिए थे. सुझाव में यह भी कहा गया था- 'यदि आपको बुखार आता है तो खुद को कम्बल में लपेट लें. सामान्य सर्दी जुकाम में तुरंत सिन एमोनेटेड क्विनिन लेना चाहिए. यदि गोली उपलब्ध नहीं है, तो दालचीनी, लौंग, काली मिर्च, सूखी अदरक और लहसुन के स्लाइस काढ़ा पीना चाहिए.' यह नोटिस आज भी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर घूम रहा है.