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गुंडिचा मंदिर से शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की बाहुड़ा रथ यात्रा

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Published : Jul 12, 2019, 5:13 PM IST

Updated : Jul 12, 2019, 7:26 PM IST

भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा की आज गुंडिचा मंदिर से बाहुड़ा रथ यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा को देखने के लिए लाखों लोग पहुंचे हैं.

बाहुड़ा रथ यात्रा.

पुरी: ओडिशा में जगन्नाथ रथ यात्रा जन्म वेदी से रत्न वेदी के लिए अपने भाई-बहन संग गुंडिचा मंदिर से बाहुड़ा रथ यात्रा के लिए रवाना हुए. गुंडिचा मंदिर में 9 दिने के प्रवास के बाद वापस लौटने के लिए भगवान जगन्नाथ पवित्र रथों पर सवार हुए. इस यात्रा को देखने के लिए सुबह से ही लाखों भक्तों की भीड़ जमा है.

भगवान जगन्नाथ को धाड़ी पहाड़ी उनके रथ नंदीघोष में एक समारोह में ले जाया गया था. भाईयों बलभद्र और सुदर्शन और देवी सुभद्रा को सुबह उनके रथों पर ले जाया गया.

देखें रथ यात्रा

भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के दिव्य दर्शन के लिए भक्त रथों के चारों ओर एकत्र हुए. ऐसी मान्यता है कि रथ पर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पुरी: ओडिशा में जगन्नाथ रथ यात्रा जन्म वेदी से रत्न वेदी के लिए अपने भाई-बहन संग गुंडिचा मंदिर से बाहुड़ा रथ यात्रा के लिए रवाना हुए. गुंडिचा मंदिर में 9 दिने के प्रवास के बाद वापस लौटने के लिए भगवान जगन्नाथ पवित्र रथों पर सवार हुए. इस यात्रा को देखने के लिए सुबह से ही लाखों भक्तों की भीड़ जमा है.

भगवान जगन्नाथ को धाड़ी पहाड़ी उनके रथ नंदीघोष में एक समारोह में ले जाया गया था. भाईयों बलभद्र और सुदर्शन और देवी सुभद्रा को सुबह उनके रथों पर ले जाया गया.

देखें रथ यात्रा

भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के दिव्य दर्शन के लिए भक्त रथों के चारों ओर एकत्र हुए. ऐसी मान्यता है कि रथ पर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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Puri: The Pahandi rituals concluded and all the deities were escorted to the holy chariots for their return to abode after 9-day-long stay at Gundicha Temple.



All the rituals are being held three hours before the scheduled timings today.



Lord Jagannath was taken to His chariot Nandighosha in a ceremonial ‘Dhadi Pahandi’ following His siblings Lord Balabhadra and Goddess Subhadra and Lord Sudarshan were escorted to their respective chariots in the morning.





The devotees gathered around the chariots to have divine darshan of Lord Jagannath and His siblings. There is a belief that one attains salvation after having darshan of Lord Jagannath on chariot.



The chariots will be pulled at around 4.00 pm.

 


Conclusion:
Last Updated : Jul 12, 2019, 7:26 PM IST
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