हैदराबाद : मानव शरीर में कई स्तर की प्रतिरोधक क्षमता होती है, लेकिन गलत खान-पान और रहन-सहन से यह कमजोर पड़ जाती है. रोगजनक हमें बीमार कर सकते हैं और इससे कोरोना वायरस जैसी महामारी शुरू हो सकती है. चीन में अब तक कोरोना वायरस से 28 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 563 लोगों की जान जा चुकी है. चीन के वुहान प्रांत से निकला यह वायरस लगभग पूरी दुनिया में फैल चुका है.
आयुर्वेद, चिकित्सा की पारंपरिक भारतीय प्रणाली है. इसमें सांस से संबंधित कई संक्रमणों के लक्षणों का वर्णन किया गया हैं जो कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षणों से मिलते हैं.
आयुर्वेद रोगजनकों के खिलाफ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की कोशिश करता है, भले ही बीमारी नई क्यों न हो. आयुर्वेद में वायरस के बारे में जानकारी का आभाव है, यह समस्या का अनुभविक ज्ञान के आधार पर करता है.
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आयुर्वेद द्वारा दिए गए कुछ सुझाव हैं. वायरस से लड़ने के लिए नीचे दी गई दवाओं को बताई गई मात्रा में लिया जा सकता है. बता दें कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों लिए आधी खुराक पर्याप्त होगी.
षडंगा पनियम (Shadanga Paniyam)
⦁ खुराक- 15 एमएल, दिन में एक बार, सुबह के नाश्ते से पहले, 10-15 दिनों तक.
अगस्त्य हरीतकी रसायन(Agastya Haritaki Rasayan)
⦁ खुराक- 5 ग्राम, खाने के पहले, दिन में दो बार, 10-15 दिनों तक.
*********************************----या----*****************************************
हरिद्राखंड (Haridrakhand)
⦁ खुराक-5 ग्राम, दिन में दो बार, खाने के पहले या बाद, 10-15 दिनों तक.
कफकेतु रस (Kaphaketu ras)
⦁ खुराक-200 ग्राम, दिन में एक बार, 10-15 दिनों तक.
*********************************----या----*****************************************
नोट-चूर्णों को गुनगुने पानी के साथ या उसमें शहद मिलाकर खाना है.
त्रिकाटू चूरन (Trikatu Churan) 25 ग्राम+गुडुची सत्वा (Guduchi satva) 5 ग्राम+यष्ठिमधु चूरन (Yashtimadhu churna) 25 ग्राम
⦁ खुराक-सभी को अच्छी तरह से मिला लें. 2-3 ग्राम चूरन को गरम पानी या शहद से 10-15 दिनों तक नाश्ते के पहले लें.
इनपुट- डॉ पी.वी रंग्नायाकुलु, विभागाध्यक्ष(सेवानिवृत्त) मेडिकल फिजियोलॉजी, एस. वी आयुर्वेद कॉलेज, तिरुपति